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61 लाख के डिजिटल अरेस्ट मामले में पहला आरोपी जयपुर से गिरफ्तार

ऊना : ऊना के हरोली विधानसभा में एक रिटायर व्यक्ति के साथ डिजिटल फ्रॉड के माध्यम से 61 लाख रुपए की ठगी करने का मामला 72 घंटे पहले पुलिस थाना हरोली में दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने महाराष्ट्र से आई व्हाट्सएप कॉल के जरिए उसके साथ डिजिटल अरेस्ट करने की एवज में 61 लाख.

ऊना : ऊना के हरोली विधानसभा में एक रिटायर व्यक्ति के साथ डिजिटल फ्रॉड के माध्यम से 61 लाख रुपए की ठगी करने का मामला 72 घंटे पहले पुलिस थाना हरोली में दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता ने महाराष्ट्र से आई व्हाट्सएप कॉल के जरिए उसके साथ डिजिटल अरेस्ट करने की एवज में 61 लाख रुपए की ठगी की जाने की बात कही थी। ऊना के एस.पी. राकेश सिंह ने पत्रकारवार्ता करते हुए बताया कि मामले को सुलझाने के लिए हरोली थाना प्रभारी सुनील कुमार ने पूरी योजना के तहत कार्य करके उपनिरीक्षक चेतन, मुख्य आरक्षी सुनील कुमार, आरक्षी रोहित तथा आरक्षी अंकुश के रूप में एक टीम गठित करके आरोपियों को पकड़ने के लिए राजस्थान भेजी थी। पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद एक टीम आरोपियों के पकड़ने के लिए रवाना की थी। पुलिस को 72 घंटे के भीतर ही इस मामले में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस मामले में डिजिटल फ्रॉड करने वाले गिरोह के एक सदस्य को जयपुर से अरेस्ट कर ऊना लाई है। आरोपी 10 कमीशन लेकर अपने खातों में पैसे डलवा कर आगे, अगली टीम को भेज रहा था। आरोपी को गिरफ्तार करके पुलिस हरोली ले आई है जिसे आज अदालत में पेश करके 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा। आरोपी की पहचान रोशन यादव वार्ड नंबर 05 मेला की दह चोमू जयपुर धोबीलाई गोबिंदगढ़ अलवर राजस्थान के रूप में हुई है। जहां से ओर खुलासा होने की संभावना है। इससे पहले पुलिस ने आरोपियों द्वारा की गई व्हाट्सएप कॉल को भी ट्रेस कर लिया जिसमें पाया गया कि कॉल करने वाले ग्रुप के मुखिया कंबोडिया में बैठकर विदेश से ठगी का कार्य कर रहे हैं जिस पर नियम अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। विदित रहे कि हरोली थाना क्षेत्रधिकार में एक व्यक्ति के साथ डिजिटल अरेस्ट के बहाने साथियों ने 61 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी की है। इस संदर्भ में हरोली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था और कार्रवाई अमल में लाई जा रही थी।

क्या है डिजिटल अरेस्ट
डिजिटल अरेस्ट आरोपियों द्वारा अपनाई जा रही एक नई थ्योरी है जिसके अनुसार लोगों को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट या अन्य एक्ट का हवाला देकर और सीबीआई या अन्य बड़ी एजेंसी ईडी के डर से लोगों को ठगा जाता है और उनके बैंक अकाउंट में कितनी धनराशि है, का पता करके व्हाट्सएप के माध्यम से कॉल करके लगातार उन पर डर बनाया जाता है कि वह घर से बाहर न निकले और जब भी निकले तो वह उनकी नजर में रहे। ऐसे केसों में पुलिस की राह आसान नहीं होती। इस केस में यह पाया गया है कि शिकायतकर्ता से आरोपियों ने पांच अलग-अलग राज्यों के बैंक खाता में पैसा डलवाया है, जहां पर अभी पुलिस को दबिश देकर आरोपियों की पहचान करके गिरफ्तारी करनी है लेकिन 72 घंटे के अंदर आरोपी रोशन यादव को राजस्थान से पड़कने में सफलता प्राप्त की है।

पुलिस को एक और साइबर फ्रॉड मामले में मिली सफलता
पुलिस ने एक और साइबर फ्रॉड मामले में भी 8 लाख रुपए की रिकवरी की है। पुलिस लोगों को साइबर फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क रहने की अपील कर रही है। अगर किसी को इस प्रकार का कॉल आता है तो वह तुरंत इसकी शिकायत साइबर सेल में करवाएं।

अवैध रूप से चल रहे एक नशा मुक्ति केंद्र के खिलाफ भी मामला दज
पुलिस द्वारा चलाए गए नशे के खिलाफ अभियान के तहत भी कई मामले पकड़े गए जिसमें आरोपियों से ड्रग्स की बड़ी खेप रिकवर कर उनको अरेस्ट कर आगामी कार्रवाई की जा रही है। वहीं पुलिस ने अवैध रूप से चल रहे एक नशा मुक्ति केंद्र के खिलाफ भी कार्रवाई कर उसके ऑनर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच किए जाने की बात कही है। पुलिस के मुताबिक यह नशा मुक्ति केंद्र बिना पंजीकृत चल रहा था और इसमें एक दर्जन के करीब नशे से पीड़ित युवाओं का इलाज किया जा रहा था जिन्हें उनके परिजनों के हवाले किया गया है।

 

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