Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

औषधीय गुणों की खान ‘गुड़मार’, शुगर के मरीजों के लिए रामबाण, जाने कहा मिलता है यह जड़ी-बूटी…

Gudmar

Gudmar

नेशनल डेस्क : ‘जिस तन लागे, सो तन जाने..’ शुगर या डायबिटीज ऐसी बीमारी है, जिसकी जकड़ में मरीज का न केवल मनपसंद खाना छूट जाता है, बल्कि आए दिन नई-नई शारीरिक पीड़ा से भी गुजरना पड़ता है। ऐसे में आयुर्वेद के पास गुड़मार या मधुनाशिनी के रूप में ऐसी जड़ी-बूटी है, जो उनके लिए अमृत के समान है।

‘गुड़मार’ का पौधा मध्य भारत, दक्षिण भारत और श्रीलंका में पाया जाता है। यह बेल (लता) के रूप में होता है। इसकी पत्ती को खा लेने पर किसी भी मीठी चीज का स्वाद लगभग एक घंटे तक के लिए समाप्त हो जाता है। इसे खाने के बाद गुड़ या चीनी की मिठास खत्म हो जाती है। इसकी पत्तियां खाने के बाद रेत के समान लगती हैं। दरअसल, ‘गुड़मार’ एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे ‘मधुनाशिनी’ भी कहा जाता है। ‘गुड़मार’ को मधुमेह यानी डायबिटीज के इलाज के लिए बहुत ही प्रभावी माना जाता है। कहा जाता है कि ‘गुड़मार’ शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और इंसुलिन उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है।

इंसुलिन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद

जानकारी के अनुसार, ‘गुड़मार’ ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। इसमें मौजूद जिम्नेमिक एसिड शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को कम करता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। इसके अलावा, यह इंसुलिन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है।

साथ ही, ‘Gudmar’ का पत्ता चबाने से मुंह में मीठे का स्वाद भी महसूस नहीं होता, जिससे मीठा खाने की लत भी कम हो जाती है। इसके साथ ही, यह वजन घटाने में भी मददगार होता है। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे शरीर से फैट (चर्बी) कम होता है। यही नहीं, ‘गुड़मार’ को कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग से बचाव के लिए भी कारगर माना गया है। यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है। गुड़मार का सेवन करने के लिए इसके पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

Exit mobile version