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ऑनलाइन सट्टे के चक्कर में युवा पीढ़ी हो रही बर्बाद, गवां रहें घर की जमा पूंजी

नेशनल डेस्क : आज के समय इंसान के मन में कितना लालच है इसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है। दुनीयां इतना तेजी से बदल रही है जैसे कि हवा का रुख। अगर हम भारत की बात करे तो बहुत ही तेजी से डिजिटल इंडिया का रूप ले रही है। वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी यानी.

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नेशनल डेस्क : आज के समय इंसान के मन में कितना लालच है इसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है। दुनीयां इतना तेजी से बदल रही है जैसे कि हवा का रुख। अगर हम भारत की बात करे तो बहुत ही तेजी से डिजिटल इंडिया का रूप ले रही है। वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी यानी कंप्यूटर एवं मोबाइल का युग है। कंप्यूटर एवं मोबाइल ने ऑनलाइन की सभी क्षेत्रों को कवर किया है।

आज हर घर में एक से बढ़कर एक स्मार्ट फोन है और लोग इसका खुलकर इस्तेमाल करते हुए नजर आ रहे है। लेकिन किसी भी टेक्नोलॉजी के अपने अच्छे और बुरे साइड इफेक्ट होते है। मोबाइल के बुरे साइड इफेक्ट अब धीरे-धीरे दिखने लगे है। ऐसे ही बुरे साइड इफेक्ट ऑनलाइन गैम्बलिंग या ऑनलाइन जुआ का लत देखने को मिल रहा है। जब किसी इंटरनेट, वेबसाइट या मोबाइल ऐप के जरिए पैसे दांव पर लगाए जाते हैं तो इसे ऑनलाइन गैम्बलिंग या ऑनलाइन जुआ कहते हैं। जिसमें कई अन्य तरह की सट्टेबाजी शामिल हैं।

कोई कंगाल हो रहा है तो कोई मालामाल

देखा जाए तो आईपीएल का मैच शुरू होते ही शहरी क्षेत्र में सट्टेबाजों का गिरोह सक्रिय हो जाता है और इन सट्टेबाजों के चक्कर में युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा बर्बाद होती नजर आ रही है। जब आप पहली बार ऑनलाइन जुआ खेलते हैं तो इसके बाद आपको ऑनलाइन से जुड़े जुआ का विज्ञापन देखने को मिलने लगते हैं जो आपको वापस ऑनलाइन जुआ खेलने के लिए आकर्षित करते हैं।

जिसके कारण कई युवा सट्टा हारने के बाद फिर से उसकी रिकवरी करने के लिए कर्ज लेकर सट्टा लगाते हैं, इससे एक तरफ जहां सट्टेबाजों के चक्कर में पड़कर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, वहीं दूसरी ओर सट्टा लेने वाले हर दिन लाखों रुपये कमाते हैं, ऑनलाइन सट्टे के इस खेल में कोई एक झटके में कंगाल हो रहा है तो कोई मालामाल हो रहा है। शहर के अनेक माता-पिताओं को यह भी पता नहीं है, उनके बच्चे लाखों के कर्ज में डूबे हुए हैं।

घर की जमा पूंजी गवां रहे हैं

वर्तमान समय में युवा पीढ़ी कम समय में अधिक रुपये कमाने के चक्कर में अपने घर की जमा पूंजी गवां रहें हैं और फिर अपनी जिंदगी को बर्बाद कर रहे हैं, आगे चलकर संबंधित युवाओं द्वारा आत्महत्या करने का निर्णय लिया जाता है। शहर में अब तक अनेक युवाओं द्वारा इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा चूका है। कर्ज में डूबे हुए कई युवा अपने शहर को छोड़कर दूसरे शहर भाग रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता होता है की उसके शहर छोड़कर भागने से उसके परिवार पर कितना आफत टूट पड़ता है। ऐसे में उसके परिवार को समाज मौहल्ला में सर झुकाकर जीना पड़ता है।

अभिभावकों को ध्यान देने की जरूरत

इसके रोकथाम के लिए प्रत्येक माता-पिता ने युवा पीढ़ी को इस दिशा में जाने से रोकने की दिशा में सार्थक प्रयास करने की आवश्यकता है, अन्यथा निश्चित तौर पर यह आने वाले समय के लिए बहुत बड़ी चुनौती है, यदि समय रहते इस दिशा में में कोई कोई पहल नहीं किया गया तो निश्चित ही युवा पीढ़ी कम समय में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में बर्बाद हो जाएगी।

इसे रोकने के लिए सबसे पहले अभिभावकों को अपने बच्चों पर ध्यान रखना चाहिए, बेहतर शिक्षा देने और रोजगार की दिशा में ध्यान देने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कई माता पिता का कहना है कि, हमारा बेटा एक भी पैसा खर्च करने से पहले हमसे सलाह लेता था लेकिन ऑनलाइन जुआ की वजह से एक अजीब सी लत लग गई। वो अपनी सैलरी के अधिक पैसे ऑनलाइन जुए में खर्च कर देता है।

खेल को खेल के नजरिये से ही देखे

अभिभावक अपने बच्चों को इन सब खेल में ध्यान नहीं देने की बात कहे तो कहीं न कहीं इन सब चीजों को बढ़ाने से रोक सकते हैं। युवा पीढ़ी से निवेदन करे कि वह खेल को केवल खेल के नजरिये से ही देखे और कुछ सीखें, पुलिस प्रशासन ने युवा पीढ़ी से अपील की गई है कि, वह ऑनलाइन सट्टे के चक्कर में नहीं पड़े एवं अपने बेहतर भविष्य के लिए बेहतर ढंग से पढ़ाई और रोजगार की दिशा में ध्यान दें।

ऑनलाइन जुए की लत का असर

ऑनलाइन जुआ खेलने की लत लग जाती है।
ऑनलाइन जुए की लत का असर जिंदगी पर पड़ने लगता है।
ऑनलाइन जुआ की लत से कुछ लोग कंगाल तक हो जाते हैं।
जिंदगी भर कमाई हुई अपनी जमा पूंजी खो देते हैं।
कर्ज से परेशान होकर लोग जीवन को गंवा देते हैं।

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