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चीन का कम विकसित देशों को शून्य-टैरिफ उपचार: व्यापार और सहयोग की नई दिशा

1 दिसंबर 2024 से चीन ने घोषणा की है कि वह उन सभी कम विकसित देशों (LDC) को सभी कर योग्य वस्तुओं पर शून्य-टैरिफ उपचार प्रदान करेगा, जिनके साथ उसके राजनयिक संबंध हैं। यह कदम राज्य परिषद के सीमा शुल्क टैरिफ आयोग द्वारा 12 सितंबर को घोषित किया गया था। यह निर्णय चीन की वैश्विक व्यापार नीतियों और विकासशील देशों के साथ सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। जिसमें “चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले” सभी कम विकसित देशों (LDC) से 100% आयात पर 0% अधिमान्य टैरिफ दरें प्रदान की गईं। कई LDC को पहले 98% आयातित वस्तुओं पर 0% आयात शुल्क से लाभ हुआ था।

क्या है शून्य-टैरिफ उपचार?
शून्य-टैरिफ उपचार का अर्थ है कि योग्य कम विकसित देशों से आयातित कर योग्य वस्तुओं पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। यह कदम न केवल इन देशों के निर्यात को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि उनके आर्थिक विकास में भी मदद करेगा।

इस योजना के तहत, कोटा आधारित उत्पादों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। कोटा के भीतर आने वाली वस्तुओं पर शून्य-टैरिफ लागू होगा, जबकि कोटा से अधिक वस्तुओं पर मौजूदा टैरिफ दरें यथावत रहेंगी। यह कदम चीन की “दक्षिण-दक्षिण सहयोग” नीति का हिस्सा है, जो विकासशील देशों के साथ साझेदारी को प्रोत्साहित करती है। शून्य-टैरिफ नीति निम्नलिखित प्रभाव डाल सकती है।

यह नीति कम विकसित देशों को अपने उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से बेचने में सक्षम बनाएगा। इसके अलावा चीन और LDC के बीच व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई मिलेगी। साथ ही कम विकसित देश अधिक से अधिक उत्पाद चीन को निर्यात कर पाएंगे, जिससे उनकी उत्पादन क्षमताएं बढ़ेंगी। यही नहीं इस नीति से उत्पन्न राजस्व का उपयोग इन देशों में गरीबी कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए किया जा सकता है।

शून्य-शुल्क नीति LDCs को चीनी बाजार में वरीयता देती है, जिससे उनके निर्यात राजस्व में वृद्धि होती है और औद्योगिकीकरण एवं आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है। व्यापार बाधाओं को कम करके यह नीति इन देशों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बेहतर तरीके से शामिल होने में मदद करती है। निर्यात आय में वृद्धि से LDCs में रोजगार के अवसर पैदा होते हैं, जिससे जीवन स्तर में सुधार होता है और गरीबी घटती है।

चीन का यह कदम वैश्विक मंच पर उसकी सकारात्मक भूमिका को दर्शाता है। यह पहल न केवल व्यापारिक सहयोग को मजबूत करती है, बल्कि चीन की “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” और “ग्लोबल डेवलपमेंट इनिशिएटिव” जैसे कार्यक्रमों के तहत विकासशील देशों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करती है। यह वैश्विक मामलों में चीन की जिम्मेदार भूमिका को दर्शाती है और विकासशील देशों के साथ एकजुटता को मजबूत करती है। शून्य-शुल्क पहल “साझा भविष्य के साथ मानवता के समुदाय” के चीनी दर्शन के अनुरूप है।

चीन की शून्य-टैरिफ नीति कम विकसित देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है। यह नीति न केवल वैश्विक व्यापार के संतुलन को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और एकता को भी प्रोत्साहित करेगी। चीन के इस कदम से न केवल कम विकसित देशों को लाभ होगा, बल्कि यह वैश्विक आर्थिक विकास के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा। साँझा भविष्य का जो सपना चीन ने देखा है, उसमें इन देशों को हम पीछे नहीं छोड़ सकते, इस विरासत पर सभी का समान अधिकार है और चीन मज़बूती से इसमें अपना सहयोग दे रहा है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) (लेखक—देवेंद्र सिंह)

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