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महामारी पर काबू पाना वैज्ञानिक साधनों और निरंतर प्रयासों पर निर्भर करता है

हाल ही में, चीनी सरकार ने न्यू कोरोनावायरस संक्रमण को श्रेणी बी निर्धारित करने की योजना जारी कर महामारी की रोकथाम के उपायों और देश में से प्रवेश और निकास पर प्रासंगिक नियमों को समायोजित किया। महामारी के प्रकोप के बाद से, चीनी सरकार ने हमेशा लोगों के जीवन और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने पर जोर दिया है, महामारी की स्थिति में परिवर्तन के अनुसार कदमों को समायोजित किया। और चीन सफलतापूर्वक मजबूत रोगजनकता के साथ COVID-19 वायरस तथा डेल्टा वायरस के चीन में व्यापक प्रसार को रोक दिया। जिससे चीन ने प्रासंगिक टीकों और प्रभावी दवाओं के अनुसंधान के लिए समय जीता है, और विश्व अर्थव्यवस्था की वसूली के लिए एक मजबूत गारंटी भी प्रदान की है। मानव जाति के इतिहास में हमेशा तरह तरह के महामारी प्रकोप मौजूद रहता है। उदाहरण के लिए मध्य युग में हुई ब्लैक डेथ ने एक बार यूरोप की एक तिहाई आबादी को मार डाला था। उन्नत तकनीक के साथ आधुनिक समय में भी पूरी दुनिया में तरह-तरह की महामारियां होती रहती हैं। पिछले तीन वर्षों में, दुनिया भर में 500 मिलियन से अधिक लोग न्यू क्राउन महामारी से संक्रमित हो गए, 6 मिलियन से अधिक लोग मारे गए। और विश्व अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान लगा है। हालाँकि, मानव इतिहास भी विपत्तियों पर निरंतर विजय का इतिहास है, और विभिन्न विषाणुओं का विरोध करने की मानव की क्षमता मजबूत बनती गई है। एक ऐसा नियम भी खोजा गया है, अर्थात् इतिहास में प्रमुख महामारियां आम तौर पर तीन साल बाद खत्म हो जाती हैं, जिससे पता चलता है कि एक ओर, अधिकांश वायरस हमेशा उत्परिवर्तित होते समय कमजोर होती जाती है, दूसरी ओर मनुष्यों की वायरस रोधी क्षमता भी बढ़ती जाती है।

आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार, वायरस को वास्तव में समाप्त नहीं किया जा सकता है, और यह हमेशा मनुष्य के साथ रहता है। जब प्रभावी टीके, दवाएं और उपचार नहीं मिल पाते हैं, तो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अलगाव के उपाय किए जाने चाहिए। लेकिन, जब वायरस की विषाक्तता कमजोर बनती है, तो समाज और अर्थव्यवस्था के सामान्य संचालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रकोप-रोधी उपायों में उचित ढील दी जा सकती है। पिछले तीन वर्षों में चीन की महामारी विरोधी नीतियां विभिन्न चरणों में वायरस के खिलाफ किए गए उपायों की वैज्ञानिक तर्कसंगतता को दर्शाती हैं। कोविड-19 मूल वायरस तथा डेल्टा वायरस के खिलाफ, चीन ने सख्त लॉक डाउन अपनाए, और कई क्षेत्रों में लोगों के जीवन की रक्षा करने के लिए कुछ आर्थिक विकास परियोजनाओं को भी स्थगित करना पड़ा। लेकिन इस साल में विशेषज्ञ आम तौर पर मानते हैं कि नए कोरोनोवायरस के उत्परिवर्तन की दिशा रोगजनकता और घातकता में कम होती है, और ओमिक्रॉन वायरस के कारण होने वाली बीमारी धीरे-धीरे एक सामान्य श्वसन संक्रामक में विकसित हो जाएगी। इसलिए, चीनी सरकार ने अंततः महामारी पर श्रेणी बी को निर्धारित करने का फैसला किया, और न्यू कोरोनरी निमोनिया  का नाम बदलकर न्यू कोरोनावायरस संक्रमण कर दिया।

वैश्वीकरण के विकास के चलते, प्रकोप जो कहीं भी होता है, वैश्विक महामारी बन सकता है। तमाम मनुष्य एक साझा भविष्य वाले समुदाय में रहते हैं। महामारी का सामना करने के लिए सभी देशों को अपने लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा में एकता पर कायम करना ही पड़ता है। उधर, महामारी भी अजेय नहीं है। आधुनिक काल में, मनुष्यों ने टीकाकरण के माध्यम से वैश्विक स्तर पर चेचक के प्रसार को रोक दिया है, और हेपेटाइटिस बी और कुष्ठ रोग के टीकों के उद्भव ने भी ऐसी बीमारियों के प्रसार को प्रभावी ढंग से रोका है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, मनुष्य की वायरस के बारे में जानकारी दिन-ब-दिन बढ़ती जाएगी, और महामारी की रोकथाम के ज्ञान और प्रभावी दवाओं के अनुसंधान में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। हालाँकि, विकसित देशों की
जिम्मेदारी है कि वे अविकसित देशों को अधिक सहायता प्रदान करें। महामारी की रोकथाम के लिए आवश्यक टीके और प्रभावी दवाएं अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक वस्तु बन जानी चाहिए और मुनाफे का पीछा करने के लिए पूंजी के उपकरण के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

हालाँकि दुनिया भर में COVID-19 महामारी का प्रसार कमजोर होने लगा है, फिर भी महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। टीकाकरण दर को और बढ़ाना और संबंधित दवाओं और उपचार सुविधाओं को विकसित करने की फिर भी अत्यंत आवश्यकता है। लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, चीनी सरकार बुनियादी इकाइयों और समुदायों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, बुजुर्गों में टीकाकरण दर को बढ़ाने की कोशिश कर रही है, और लोगों को वर्गीकृत चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रही है। इसी समय, चीनी और विदेशी लोगों के प्रवेश और निकास की सुविधा के लिए,
चीन ने अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए न्यूक्लिक एसिड परीक्षण सहित नियमों को समायोजित किया है। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि महामारी की रोकथाम के उपायों के लिए चीन के समायोजन से आर्थिक विकास की क्षमता काफी हद तक मुक्त हो जाएगी और विश्व अर्थव्यवस्था की वसुली को भी बढ़ावा मिलेगा।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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