चीनी जन नौसेना की पनडुब्बी टुकड़ी का 70 वर्ष का इतिहास

इस साल के 19 मई को चीनी जन नौसेना की पनडुब्बी टुकड़ी की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है।

इस साल के 19 मई को चीनी जन नौसेना की पनडुब्बी टुकड़ी की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ है। 70 साल के निरंतर विकास के बाद चीनी पनडुब्बी टुकड़ी एक शक्तिशाली अंडर वाटर बल बन चुका है ,जो चीनी समुद्र की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
नये चीन की स्थापना के एक साल के बाद यानी वर्ष 1950 के अंत में चीन सरकार ने सोवियत संघ से पनडुब्बी खरीदने की मांग की।

मई 1952 में चीन ने उत्तर के ल्युशुन शहर में पहला पनडुब्बी जहाज़ अड्डा निर्मिति किया। वर्ष 1954 में सोवियत संघ ने चार पनडुब्बी जहाज़ चीन को सौंपा ,जिन में दो 200टन वाले पुराने और छोटा पनडुब्बी जहाज़ और दो 860 टन वाले मध्य साइज़ वाले पनडुब्बी जहाज़ शामिल थे। इस तरह चीन की पहली पनडुब्बी टुकड़ी स्थापित हुई।

अप्रैल 1955 में चीन से खुद विकसित होने वाले पनडुब्बी जहाज़ों का निर्माण पूर्वी चीन के शांगहाई शहर में स्थित च्यांग नान शिपिंग निर्माण कारखाने में शुरू हुआ और अक्तूबर 1957 में पहले जत्थे के पनडुब्बी जहाज नौसेना को सौंपे गये। बड़ी मशक्कत के बाद वर्ष 1970 में चीन का पहला नाभिकीय पनडुब्बी जहाज़ छांगचंग 1 औपचारिक रूप से पानी में उतरा ,जो अमेरिका ,सोवियत संघ ,ब्रिटेन व फ्रांस के बाद नाभिकीय पनडुब्बी संपन्न पांचवां देश बन गया।

ध्यान रहे नाभिकीय पनडुब्बी जहाज़ समुद्र के नीचे छिपाने की मजबूत क्षमता है और कई हजार किलोमीटर समुद्र की स्थिति की निगरानी कर सकता है। सितंबर 1988 में चीनी नौसेना की नाभिकीय पनडुब्बी जहाज़ से समुद्र के नीचे वाहक राकेट प्रक्षेपित करने की परीक्षा सफलता से संपन्न की गयी ,जो ऐसी क्षमता से लैस होने वाला पांचवां देश बन गया। इसका मतलब है कि चीन की समुद्र आधारित रणनीतिक डिटेरेंट शक्ति बन चुकी है।

उल्लेखनीय बात है कि चीनी नौसेना की नाभिकीय पनडुब्बी टुकड़ी की स्थापना के बाद अब तक कभी भी नाभिकीय दुर्घटना नहीं हुई और उस का सुरक्षा रिकार्ड विश्व में अग्रसर है। वर्ष 2009 में चीन के दो नाभिकीय पनडुब्बी जहाज़ों ने नौसेना की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ मनाने के समुद्री परेड में भाग लिया। यह पहली बार है कि चीनी नाभिकीय पनडुब्बी जहाज़ सार्वजनिक हुआ।

पिछली सदी के 70 वाले दशक के अंत में चीन ने नयी पीढ़ी वाले सोंग क्लास कन्वेंशनल पावर पनडुब्बी का अनुसंधान व विकास शुरू किया। वर्ष 1996 में पहला 2250 टन वाला सोंग क्लास पनडुब्बी जहाज़ नौसेना को सौंपा गया। इस के बाद सोंग क्साल पनडुब्बी जहाज़ 21वीं सदी में जन नौसेना की पन डुब्बी टुकड़ी की मुख्य शक्ति बन गयी।

मई 2004 में चीन से खुद विकसित युआंग क्लास पनडुब्बी सफलतापूर्वक पानी में उतरा। अतिरिक्त ईंधन के बिना यह पनडुब्बी समुद्र के नीचे 30 हजार नॉटिकल माइल की जहाज़रानी कर सकता है। उस पर पनडुब्बी भेदी मिसाइल और लेज़र हथियार लैस है। वह कई सेंकड में समुद्र पर मोबाइल ठिकाने को नष्ट कर सकता है। पनडुब्बी जहाज़ टुकड़ी एक रहस्यमय शक्ति है ,पर वह राष्ट्रीय प्रभुसत्ता और समुद्री हितों की रक्षा करने में फौलादी महान दीवार की तरह है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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