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8वां विश्व ड्रोन मेला शनचन में होगा उद्घाटित

वर्ष 2024 आठवां विश्व ड्रोन मेला 24 से 26 मई तक दक्षिण चीन के शनचन शहर में उद्घाटित होगा। इस मेले की आयोजन समिति ने हाल ही में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कहा कि इस मेले का मुख्य विषय है कि लो एयर इकॉनॉमी,भविष्य आया है। अनुमान है कि 110 से अधिक देशों और क्षेत्रों के दस हजार से अधिक विशेषज्ञ, अनुसंधानकर्ता और उद्यमी इसमें भाग लेंगे।

बताया जाता है कि इस मेले में तीस से अधिक मंच आयोजित होंगे और लो एयर डिजिटल यातायात,लो एयर उड़ान सेवा, लो एयर उड़ती गाड़ी, लो एयर स्पेस के खुलेपन व प्रंबंधन समेत कई मुद्दे निर्धारित हैं। इसके साथ ड्रोन उत्पाद और प्रौद्यिगिकी पर 60 से अधिक आदान-प्रदान बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें लो एयर इकॉनॉमी के विकास और स्मार्ट ड्रोन के ठोस इस्तेमाल और इस उद्योग के भावी रूझान पर विचार विमर्श किया जाएगा। उल्लेखनीय बात है कि 30 हजार वर्गमीटर प्रदर्शनी भवन में करीब 500 देशी-विदेशी उद्यम 4000 से ज्यादा ड्रोन और सबसे नये उत्पाद प्रदर्शित करेंगे, जिनमें मानव रहित हेलिकॉप्टर, मानव रहित फिक्सड विंग एयरक्राफ्ट, मानव रहित एयरशिप, स्मार्ट रोबोट, जल के नीचे पनडुब्बी और सहायक व्यवसायों के उत्पाद शामिल होंगे। नवाचार प्रोत्साहित करने के लिए आयोजन समिति ने योगदान पुरस्कार, यूनिकॉर्न पुरस्कार, छोटे जायंट पुरस्कार और डिजाइन पुरस्कार स्थापित किये हैं। 

इस महासभा की आयोजन समिति के अध्यक्ष यांग चिनत्सा ने मीडिया को बताया कि ड्रोन लो एयर इकॉनॉमी के विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ है। वर्तमान में आपात बचाव, लॉजिस्टिक्स परिवहन, खेत व वन की निगरानी, बिजली लाइन की जांच, पर्यावरण संरक्षण, आपदा न्यूनीकरण, मौसम, शहरी नियोजन व प्रबंधन और आदि क्षेत्रों में ड्रोन का व्यापक प्रयोग किया जा रहा है और उसके विकास की अपार संभावनाएं हैं। खास बात है कि ड्रोन का प्रतिनिधि होने वाली लो एयर इकॉनॉमी को आर्थिक वृद्धि के नये इंजन के रूप में देखा जा रहा है। 

ध्यान रहे कि पिछले साल के अंत तक चीन में ड्रोन का संचालन करने वाले उद्यमों की संख्या 18 हजार से अधिक है और सालाना उत्पादन मूल्य 1 खरब 52 अरब युवान तक पहुंचा ।पंजीकृत ड्रोन की संख्या 10 लाख से अधिक है।

संबंधित विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी 10-20 साल ड्रोन विकास का स्वर्णिम समय होगा। बाजार में ड्रोन की मांग दिन ब दिन बढ़ रही है और उच्च व नयी तकनीकों के अनुसंधान व विकास में निरंतर प्रगति होती जा रही है। वर्ष 2030 तक चीन की लो एयर इकॉनॉमी का आकार 20 खरब से 30 खरब युआन के बीच पहुंचेगा। 

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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