Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

Afghan Army ने Pakistan क्षेत्र में दागे रॉकेट, 6 नागरिकों की मौत, 2 दर्जन से अधिक लोग हुए घायल

क्वेटाः अफगान बलों ने चमन सीमा के पार से पाकिस्तानी क्षेत्र में रॉकेट दागे। इसमें कम से कम 6 नागरिकों की मौत हो गई, जबकि 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने दी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रॉकेट किल्ली शेख लाल मुहम्मद पर गिरे। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने भी घटना की पुष्टि करते हुए कहा, कि अफगान सीमा बलों ने चमन, बलूचिस्तान में नागरिक आबादी पर तोपखाने/मोर्टार सहित भारी हथियारों से अकारण गोलाबारी की हैं। इसमें 6 नागरिकों की शहादत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए।

आईएसपीआर ने एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तानी बलों ने बहुत संतुलित जवाब दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी सीमा सैनिकों ने आक्रामकता के खिलाफ उचित प्रतिक्रिया दी है, लेकिन क्षेत्र में निदरेष नागरिकों को निशाना बनाने से परहेज किया। सेना के मीडिया विंग ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने स्थिति की गंभीरता को उजागर करने के लिए काबुल में अफगान अधिकारियों से संपर्क किया और भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की हैं।

हताहतों को चमन सिविल अस्पताल ले जाया गया। सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मलिक अचकजई ने कहा, कि हमें छह शव मिले हैं। हालांकि उन्होंने घायलों की संख्या ज्यादा बताते हुए कहा कि 30 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। किल्ली शेख लाल मुहम्मद के निवासियों ने कहा कि रॉकेट फायरिंग अचानक शुरू हुई। निजामुद्दीन के एक स्थानीय निवासी ने कहा, जब एक रॉकेट हमारे घर के पास गिरा तो हम घर के अंदर बैठे थे। उन्होंने कहा कि उनके एक चचेरे भाई हमले में शहीद हो गए।

रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा चमन, जो पिछले महीने 8 दिनों के लिए बंद थी और 21 नवंबर को फिर से खोल दी गई थी, नवीनतम आक्रमण के बाद फिर से बंद कर दी गई है। ताजा घटना ऐसे समय में हुई है जब आतंकवादी हमलों के फिर से बढ़ने के कारण पाकिस्तान और अफगान तालिबान सरकार के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। पाकिस्तान का कहना है कि अंतरिम सरकार प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।

तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से पाकिस्तान ने 51 प्रतिशत से अधिक हमलों का सामना किया है। 28 नवंबर को टीटीपी ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम समाप्त कर दिया और हमलों को फिर से शुरू कर दिया। पिछले हफ्ते काबुल में पाकिस्तान के राजनयिक मिशन के प्रमुख एक हमले में बाल-बाल बचे थे। अगस्त 2021 में जब तालिबान काबुल में सत्ता में लौटा, तो पाकिस्तान को उम्मीद थी कि नया शासन उसकी सुरक्षा चिंताओं को दूर करेगा। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, लेकिन तालिबान ने टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और इसके बदले आतंकवादी संगठन के साथ समझौते की पेशकश की हैं। देश में विशेष रूप से खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में वृद्धि हुई है जहां टीटीपी ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाया है। सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने भी खैबर जिले में तिराह घाटी का दौरा किया और हिंसा रोकने की बात कहीं।

Exit mobile version