अफगानिस्तान के राष्ट्रीय संग्रहालय, अफगानिस्तान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय और अन्य संस्थानों के 24 पुरातत्त्ववेत्ताओं, इंजीनियरों और अधिकारियों ने 28 नवंबर को अपने 21 दिवसीय चीन यात्रा समाप्त की। इस दौरान, उन्होंने पेइचिंग में अध्ययन और प्रशिक्षण किया और पश्चिमोत्तर चीन के शैनशी एवं कानसू दोनों प्रांतों का दौरा किया।
चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता को दिए इन्टरव्यू में उन सभी ने चीनी प्रौद्योगिकी से सीखने, सांस्कृतिक अवशेषों की सुरक्षा और बहाली में सहयोग करने की आशा व्यक्त की।
चीन में अपने प्रवास के दौरान, सांस्कृतिक पुरातत्व के क्षेत्र में अफगान विशेषज्ञों, विद्वानों और अधिकारियों ने चीन में सांस्कृतिक अवशेषों की सुरक्षा से संबंधित कानूनी प्रणाली के निर्माण, प्रौद्योगिकी द्वारा सशक्त सांस्कृतिक अवशेषों की सुरक्षा, और बड़े खंडहरों की सुरक्षा वाली अवधारणाओं और तरीकों का व्यवस्थित रूप से अध्ययन किया।
अफगान राष्ट्रीय संग्रहालय के निदेशक घाटुल्लाह आबिद ने कहा कि उन्होंने चीनी विशेषज्ञों द्वारा साझा की गई उन्नत तकनीक और अनुभव से बहुत कुछ हासिल किया है, जो अफगानिस्तान के ऐतिहासिक सांस्कृतिक अवशेषों की सुरक्षा और सांस्कृतिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि दो हजार साल से भी पहले, “प्राचीन रेशम मार्ग” दुनिया भर के देशों को जोड़ता था। अब, उन्हें उम्मीद है कि “बेल्ट एंड रोड” का संयुक्त निर्माण अफगानिस्तान में विकास के अधिक अवसर ला सकता है।
वहीं, अफ़गान सूचना और संस्कृति मंत्रालय के सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण और बहाली विभाग के निदेशक ज़ेक्रिया ओरियाखाइल ने कानसू प्रांत के तुनहुआंग शहर में मकाओ गुफ़ा में डिजिटल प्रदर्शनी केंद्र का दौरा करने के बाद “डिजिटल तुनहुआंग” के निर्माण की अत्यधिक सराहना की। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण और बहाली के क्षेत्र में, अफगानिस्तान चीन के अनुभव और प्रौद्योगिकी से सीख सकता है, और भविष्य में अपने चीनी समकक्षों के साथ और अधिक सहयोग करने की उम्मीद करता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)