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America ने की Ukraine को 2.5 अरब डॉलर की और सैन्य सहायता देने की घोषणा

वाशिंगटनः अमेरिका ने रूसी आक्रमण के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन को 2.5 अरब डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली कुल सैन्य मदद 27.5 अरब डॉलर हो गई है। विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ऐलान किया, ‘‘इस सहायता पैकेज के तहत यूक्रेन को स्ट्राइकर बख्तरबंद कार्मिक वाहन समेत सैकड़ों अतिरिक्त बख्तरबंद वाहन, ब्रैडली इंफ्रेंट्री लड़ाकू वाहन, बारुदी सुरंग रोधी वाहन और हाई मोबिलिटी मल्टीपर्पज वाहन दिए जाएंगे।’’ उन्होंने बताया कि इस पैकेज में यूक्रेन को अहम अतिरिक्त हवाई रक्षा प्रणाली दी जाएगी जिसमें अधिक एवेंजर हवाई रक्षा प्रणाली तथा सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं।

ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि पैकेज में रात को निगरानी में सक्षम उपकरण, छोटे हथियार तथा गोला बारुद और यूक्रेन को मदद देने वाले अन्य सामान शामिल हैं क्योंकि उसने अपने लोगों, संप्रभुत्ता तथा क्षेत्रीय अखंडता की बहादुरी से रक्षा की है। उन्होंने कहा, कि ‘कुल 2.5 अरब डॉलर के इस पैकेज के साथ ही यूक्रेन को अमेरिकी सेना द्वारा दी जाने वाली कुल सहायता अभूतपूर्व रूप से अनुमानित 27.5 अरब डॉलर हो जाएगी।’’ विदेश मंत्री ने कहा, कि ‘अमेरिका, यूक्रेन का समर्थन करने के लिए दुनिया को लामबंद करने का प्रयास भी कर रहा है। हमने अपने सहयोगियों तथा साझेदारों में अद्भुत एकजुटता देखी है और हम यूक्रेन का समर्थन करने के लिए अहम योगदान देने के वास्ते एकजुट हुए 50 से अधिक देशों की सराहना करते हैं।’’

इस पैकेज में टैंक शामिल नहीं है जो विवाद का केंद्र बन गए थे क्योंकि जर्मनी ने संकेत दिया है कि वह यूक्रेन को तब तक अपने लेपर्ड टैंक नहीं भेजेगा जब तक कि अमेरिका अब्राम्स टैंक नहीं भेजता है। वहीं, अमेरिका का कहना है कि अब्राम्स टैंक वर्तमान लड़ाई के लिए उचित नहीं है क्योंकि उनकी लगातार देखरेख तथा ईंधन की आवश्यकता है। एक अलग बयान में पेंटागन ने कहा कि यूक्रेन के अहम बुनियादी ढांचे के खिलाफ क्रेमलिन के हाल के हवाई हमले एक बार फिर यूक्रेन में रूस के बर्बर युद्ध के विनाशकारी असर को दिखाते हैं। इसमें कहा गया है कि इस पैकेज में अतिरिक्त एनएएसएएमएस गोला बारुद और एवेंजर हवाई रक्षा प्रणाली शामिल है जिससे यूक्रेन को छोटी तथा मध्यम दूरी के खतरों से निपटने और अपनी हवाई रक्षा को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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