वाशिंगटनः अमेरिकी रक्षा विभाग विभिन्न सोशल मीडिया साइट पर जारी उन दस्तावेजों की जांच रहा है, जिनमें रूस के आक्रमण का सामना कर रहे यूक्रेन को वाशिंगटन और नाटो (उत्तर एटलांटिक संधि संगठन) की ओर से दी जा रही मदद का ब्योरा देने का दावा किया गया है। हालांकि, विभाग का कहना है कि इनमें से कई दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई है और आशंका है कि इनका इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध को लेकर गलत सूचना प्रसारित किए जाने के अभियान के तहत किया गया है।
ट्विटर सहित अन्य सोशल मीडिया साइट पर जारी इन दस्तावेजों को गोपनीय बताया गया है। ये दस्तावेज अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ द्वारा दिए जाने वाले दैनिक विवरण के जैसे प्रतीत होते हैं, जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाता है। इस साल 23 फरवरी से एक मार्च के बीच के इन दस्तावेजों में अमेरिका और नाटो द्वारा यूक्रेन को दिए जाने वाले हथियारों और अन्य सैन्य साजोसामान की मात्र और समयसीमा के बारे में अधिक सटीक जानकारी देने का दावा किया गया है।
हालांकि, दस्तावेजों में युद्ध की योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। यही नहीं, इनमें यूक्रेन युद्ध में हताहत होने वाले रूसी सैनिकों की संख्या अमेरिकी अधिकारियों द्वारा बताई जाने वाली संख्या से काफी कम दर्शाई गई है, जिससे इनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं। यूक्रेन के सैन्य खुफिया निदेशालय के प्रवक्ता आंद्रे यूसोव ने कहा, कि यह याद रखना बेहद महत्वपूर्ण है कि हाल के दशकों में रूस की विशेष सेवाओं के सबसे सफल अभियान फोटोशॉप (एक सॉफ्टवेयर) पर हुए हैं। उन्होंने कहा, कि इन दस्तावेजों के प्रारंभिक वेिषण में हमें दोनों पक्षों (यूक्रेन और रूस) को हुए नुकसान को लेकर अविश्सनीय स्नेतों से जुटाई गई झूठी और विकृत जानकारी नजर आती है।
अमेरिकी अधिकारियों ने दस्तावेजों के स्नेत, उनकी विश्वसनीयता और उन्हें सोशल मीडिया पर सबसे पहले साझा करने वालों के बारे में शुक्रवार को कोई जानकारी नहीं दी। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने कहा, कि हम उक्त सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ी खबरों से वाकिफ हैं। विभाग मामले की जांच कर रहा है।