इराक के लिए जहरीला है “अमेरिकी लोकतंत्र”

“युद्ध के बाद की अराजकता ने साबित कर दिया कि इराक युद्ध शुरू से ही एक गलती और आपदा थी।” 20 मार्च को अमेरिकी “अटलांटिक वीकली” की वेबसाइट ने एक टिप्पणी जारी कर कहा कि दो दिन पहले, सैकड़ों युद्ध-विरोधी लोगों ने अमेरिका के व्हाइट हाउस के उत्तर की ओर लाफायेट स्क्वायर में एक रैली.

युद्ध के बाद की अराजकता ने साबित कर दिया कि इराक युद्ध शुरू से ही एक गलती और आपदा थी।” 20 मार्च को अमेरिकी “अटलांटिक वीकली” की वेबसाइट ने एक टिप्पणी जारी कर कहा कि दो दिन पहले, सैकड़ों युद्ध-विरोधी लोगों ने अमेरिका के व्हाइट हाउस के उत्तर की ओर लाफायेट स्क्वायर में एक रैली की। उन्होंने “अमेरिका अंतहीन युद्धों को नहींकहे” “युद्ध के लिए अनुदान बंद करेऔर “बम बनाने के बजाय स्कूल बनाए” जैसे नारे लगाए और अमेरिकी सरकार से इराक युद्ध पर पुनःविचार करने और “युद्ध मशीन” को बंद करने का आग्रह किया। 

20 साल पहले के 20 मार्च को अमेरिका ने अपने पश्चिमी गठबंधों के साथ इस बहाने से कि “इराक के पास बड़े पैमाने वाले विध्वंसक हथियार हैं” , इराक पर आक्रमण किया, जिससे इराक में 2 लाख से ज्यादा आम लोगों की मृत्यु हुई और 90 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गये हैं। 20 साल बीत चुके हैं, और अमेरिका अभी भी इस बारे में निर्णायक सबूत पेश नहीं कर सकता है।

अमेरिका न केवल इराकियों की पीड़ा के प्रति उदासीन है, बल्कि लोकतंत्र के नाम पर दुनिया में आपदा लाना जारी रखता है। 20 मार्च को चीनी विदेश मंत्रालय ने “2022 में अमेरिका में लोकतंत्र” नामक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अमेरिका में घरेलू लोकतंत्र के कारण होने वाली अराजकता और आपदाओं के बारे में बताया गया, जिससे दुनिया आगे “अमेरिकी लोकतंत्र” के असली रंग को समझ सके।

रिपोर्ट में बताया गया है कि आज के अमेरिका में दो दलों के बीच संघर्ष ने राजनीतिक ध्रुवीकरण तेज कर दिया है, और लोग “अमेरिकी लोकतंत्र” से निराश हो रहे हैं। प्यू सेंटर के एक सर्वेक्षण के अनुसार, 65% अमेरिकियों का मानना ​​है कि अमेरिकी लोकतांत्रिक व्यवस्था में बड़े सुधारों की आवश्यकता है, और 57% उत्तरदाताओं का मानना ​​है कि अमेरिका अब लोकतंत्र का मॉडल नहीं है।

2001 के बाद से अमेरिका द्वारा आतंकवाद-विरोध के नाम पर शुरू किए गए युद्धों और सैन्य अभियानों से 9 लाख लोगों की मौत हुई, जिन में लगभग 3.35 लाख आम लोग हैं और लाखों लोग घायल हुए हैं। एक उदाहरण के रूप में इराक को लें, विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकड़ों के अनुसार, इराक में युवा लोगों की बेरोजगारी की दर एक तिहाई जितनी अधिक है और एक-चौथाई इराकी गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं।

अमेरिका इतना जंगी क्यों है? अमेरिकी उपराष्ट्रपति हैरिस ने जवाब दिया, “पिछले कई वर्षों में अमेरिकियों की पीढ़ियां तेल के लिए लड़ती रही हैं।” इराक की अंतरिम सरकार के पूर्व प्रधान मंत्री अल्लावी ने हाल ही में चाइना मीडिया ग्रुप(सीएमजी) के साथ एक विशेष साक्षात्कार में आलोचना की, ” इराक में तथाकथित अमेरिकी शैली का लोकतंत्रइराकियों के हितों के बजाय अमेरिका के हितों की सेवा करता है।”

साथ ही, पिछले कुछ दशकों में अमेरिका ने क्यूबा, ​​​​सीरिया और ज़िम्बाब्वे जैसे देशों पर एकतरफा प्रतिबंध लगाया, उत्तर कोरिया, ईरान और वेनेजुएला पर अत्यधिक दबाव डाला है, और सेंट्रल बैंक ऑफ़ अफ़गानिस्तान की संपत्तियों को ज़ब्त कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिकी प्रतिबंधों और प्रतिबंधों से प्रभावित, इराक में भूख की दर उच्च बनी हुई है। अकेले 1990 से 1995 तक, 5 लाख इराकी बच्चे भुखमरी या खराब स्थिति से मार गए थे।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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