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टैरिफ धमकी के डर से अमेरिकी लोग भंडार जमा करने में जुटे

अमेरिका में नई सरकार के कार्यभार संभालने के चलते अमेरिका में टैरिफ युद्ध के एक नए दौर पर चिंता बढ़ रही है। मार्च 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयातित वस्तुओं पर बड़े पैमाने पर अतिरिक्त कर लगाने की घोषणा की थी। इससे चीन-अमेरिका व्यापार संघर्ष बढ़ गया था। वर्ष 2021 से बाइडन सरकार ने अतिरिक्त टैरिफ लगाने के उपाय जारी रखे।

पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद ट्रंप ने कहा कि पद ग्रहण करने के पहले दिन ही वे चीनी वस्तुओं पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने के कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों का तथ्य साबित कर चुका है कि चीन के खिलाफ अमेरिका का टैरिफ युद्ध दूसरों के साथ खुद को भी नुकसान पहुंचाएगा। बिल का भुगतान मुख्य रूप से अमेरिकी लोग और उद्यम ही करते हैं।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति चुनाव के बाद वाशिंगटन के टैकोमा शहर के निवासी हर्शल विल्सन ने 300 अमेरिकी डॉलर का माल जमा कर रखा है। भंडार जमा करने के लिए उन्होंने प्रति माह अतिरिक्त 100 डॉलर का खर्च करने की योजना बनायी। विल्सन को चिंता है कि अमेरिका सरकार द्वारा टैरिफ धमकी पूरी करने के बाद उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी। पिछले साल दिसंबर में 2,000 अमेरिकी निवासियों पर किए गए सर्वेक्षण से पता चला कि एक तिहाई लोग भविष्य में टैरिफ के डर से अधिक खरीददारी कर रहे हैं।

वहीं, शिकागो विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे के मुताबिक 98 प्रतिशत अर्थशास्त्रियों का मानना ​​है कि उच्च टैरिफ का बोझ मुख्य रूप से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर पड़ता है। मूडीज के अनुमान के अनुसार चीन पर टैरिफ की लागत का 92 प्रतिशत हिस्सा अमेरिकी उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। टैरिफ के कारण अमेरिकी परिवारों को प्रति वर्ष 1,300 डॉलर अधिक खर्च करने पड़ते हैं।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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