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Gaza के सबसे बड़े अस्पताल के पास फिर घुसी सेना…धमाकों और गोलीबारी की आती रहीं आवाजें, फंसे कई लोग

रफहः गाजा पट्टी के सबसे बड़े अस्पताल में इजराइल सेना मंगलवार को दूसरे दिन फिर से घुस गई और अस्पताल तथा आसपास के इलाकों से धमाकों और गोलीबारी की आवाज़ें आती रहीं। इजराइली सेना ने कहा है कि उसने अस्पताल में हमास के 50 चरमंपथियों को मार दिया है, लेकिन इस बात की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी कि मरने वाले लड़ाके थे। इजराइल ने शिफा मेडिकल परिसर पर नवंबर में भी हमला किया था जिसके बाद से अस्पताल आंशिक रूप से ही संचालित किया जा रहा था।

इजराइली सैनिकों और हमास के लड़ाकों के बीच आसपास के जिलों में भीषण लड़ाई की वजह से अस्पताल के परिसर में हजारों फलस्तीनी मरीज, मेडिकल कर्मी और विस्थापित लोग फंस गए। अस्पताल के पास रहने वाली एमी शाहीन ने एक ‘वॉइस संदेश’ में बताया कि हालात फिलहाल बहुत खराब हैं और शिफा इलाके में भारी बमबारी हो रही है तथा इमारतों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टैंक और तोप से गोलाबारी करने की आवाज़ लगातार आ रही हैं।

शाहीन ने बताया कि अस्पताल के पास कुछ घंटों से भीषण आग लगी हुई है। इजराइली सेना ने कहा कि उसने शिफा अस्पताल पर सोमवार तोड़े हमला बोला था, क्योंकि हमास के लड़ाके अस्पताल में जमा थे और अंदर से हमलों का निर्देश दे रहे थे। इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी और हमास के मीडिया दफ्तर ने कहा कि हमले में मारे गए सभी लोग नागरिक हैं। इजराइल की सेना ने कहा कि अभियान में उसके दो सैनिक मारे गए हैं। उसने यह भी बताया कि 300 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है जिनमें से कई पर हमास का या फलस्तीनी चरमपंथी समूह इस्लामिक जिहाद का लड़ाका होने का आरोप है।

हालांकि इजराइल सेना के उत्तरी गाजा पर नियंत्रण के दावे के बावजूद गाजा शहर में लड़ाई का बढ़ना इलाके में हमास की लगातार मौजूदगी का संकेत देता है। हमास ने बीते साल सात अक्टूबर को इजराइल पर हमला कर दिया था जिसके बाद इजराइल ने हमास को खत्म करने का संकल्प लेकर गाजा में अपना अभियान शुरू किया। गाजा में बमबारी और हमलों में अबतक 31,800 लोगों की मौत हो चुकी है। उत्तर गाजा का अधिकतर हिस्सा समतल हो चुका है और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों ने सोमवार को भुखमरी के प्रति आगाह किया, क्योंकि 70 प्रतिशत लोगों के पास खाने को कुछ नहीं हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी और उनसे रफह में अभियान नहीं चलाने का आग्रह किया था और दक्षिणी गाजा के रफह शहर में हमास के लड़ाकों को निशाना बनाने के लिए किसी वैकल्पिक तरीके की गुजारिश की थी जिस पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री इजराइली अधिकारियों का एक दल वाशिंगटन भेजने पर राजी हो गए।

नेतन्याहू ने मंगलवार को एक संसदीय समिति से कहा कि वह बाइडन के सम्मान में अमेरिकी प्रस्ताव को सुनेंगे लेकिन हम रफह से इन (हमास की) बटालियन को खत्म करने के लिए दृढ़ हैं और जमीनी हमले के बिना इसका कोई और रास्ता नहीं है। रफह में रात में किए गए हवाई हमलों में कई घर तबाह हो गए। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि छह महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई।

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