Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

अस्ताना : SCO शिखर सम्मेलन आयोजित, शी चिनफिंग ने दिया भाषण

4 जुलाई की सुबह, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना के इंडिपेंडेंस पैलेस में आयोजित शांगहाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लिया और भाषण दिया।

अपने भाषण में शी चिनफिंग ने घूर्णन अध्यक्ष देश के रूप में कजाखस्तान द्वारा एससीओ संचालन तंत्र को बेहतर बनाने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहराने के लिए किए गए सक्रिय प्रयास और महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की और पहली बार सदस्य देश के रूप में एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए बेलारूस का स्वागत किया। 

शी ने कहा कि एससीओ की स्थापना के 23 साल बाद, सदस्य देशों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। “एससीओ परिवार” में तीन महाद्वीपों के 26 देश शामिल हैं, जिनमें अधिक से अधिक साझेदार हैं और सहयोग के लिए अधिक ठोस आधार है। वर्तमान में, एक सदी में दुनिया में बदलाव तेज़ हो गए हैं और मानव समाज एक बार फिर इतिहास के चौराहे पर खड़ा है। शांगहाई सहयोग संगठन इतिहास के सही पक्ष और निष्पक्षता व न्याय के पक्ष में खड़ा है, जो दुनिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि शीत युद्ध की मानसिकता के वास्तविक खतरे का सामना करते हुए हमें सुरक्षा की निचली रेखा को बनाए रखना चाहिए। सामान्य, व्यापक, सहकारी और सतत सुरक्षा अवधारणा का पालन करें। संवाद और सहयोग के माध्यम से जटिल और पारस्परिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटें। जीत-जीत की सोच के माध्यम से गहन रूप से समायोजित अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य पर प्रतिक्रिया दें, और स्थायी शांति और सार्वभौमिक सुरक्षा की दुनिया का निर्माण करें।

शी चिनफिंग का कहना है कि “छोटे आंगन और ऊंची दीवारों” के वास्तविक जोखिम का सामना करते हुए, हमें विकास के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए। हमें समावेशिता का पालन करते हुए संयुक्त रूप से तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए। औद्योगिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता और सुचारुता बनाए रखना चाहिए। क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था की अंतर्जात शक्ति को प्रोत्साहित करते हुए सामान्य विकास लक्ष्यों की प्राप्ति को बढ़ावा देना चाहिए।

इसके साथ ही, अपने भाषण में शी चिनफिंग ने यह भी कहा कि हस्तक्षेप और विभाजन की वास्तविक चुनौतियों का सामना करते हुए, हमें एकता की ताकत को मजबूत करना चाहिए। हाथ मिलाकर बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करें, एक-दूसरे का दृढ़ता से समर्थन करें, एक-दूसरे की चिंताओं का ख्याल रखें, शांतिपूर्ण तरीके से आंतरिक मतभेदों को संभालें, समानता जुटाने और मतभेदों को दूर करने के माध्यम से सहयोग की समस्याओं को हल करें। हमें दृढ़ता से अपने देश के भविष्य और नियति तथा क्षेत्र के शांतिपूर्ण विकास को अपने हाथों में नियंत्रित करना चाहिए।

मौजूदा एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले विभिन्न सदस्य देशों के नेताओं ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में शांगहाई सहयोग संगठन द्वारा निभाई गई रचनात्मक भूमिका का सकारात्मक मूल्यांकन किया और कहा कि वे व्यापार, परिवहन, ऊर्जा, वित्त, कृषि, डिजिटल अर्थव्यवस्था, तकनीकी नवाचार आदि क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करेंगे, और शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन, युवा आदि क्षेत्रों में मानविकी आदान-प्रदान को गहरा करेंगे। उनका मानना है कि सभी देशों की वैध सुरक्षा चिंताओं का सम्मान करना चाहिए, देशों के बीच मतभेदों और विवादों को शांतिपूर्वक तरीके से हल करना चाहिए, एकतरफा प्रतिबंधों और अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का विरोध करना आवश्यक है। 

एससीओ सदस्य देशों के नेताओ ने “एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की अस्ताना घोषणा-पत्र” पर हस्ताक्षर किए और इसे जारी किया। शिखर सम्मेलन में एससीओ द्वारा प्रस्तावित एकजुट होकर दुनिया में न्याय, सद्भाव और विकास को बढ़ावा देने की पहल और एससीओ संचालन तंत्र में सुधार के सुझाव को मंजूरी दी गई। अच्छे-पड़ोसी, आपसी विश्वास और साझेदारी के सिद्धांतों वाले वक्तव्य, और ऊर्जा, निवेश, सूचना सुरक्षा आदि क्षेत्रों में सहयोग से जुड़े सिलसिले निर्णयों को जारी किया गया। 

इसके अलावा, शिखर सम्मेलन में बेलारूस के शांगहाई सहयोग संगठन में शामिल होने को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी गई और निर्णय लिया गया कि चीन 2024 से 2025 तक एससीओ की घूर्णन अध्यक्षता संभालेगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Exit mobile version