24 नवंबर को, अज़रबैजान की राजधानी बाकू में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्ताओं का 29वां सम्मेलन 30 घंटे से अधिक की देरी के बाद समाप्त हो गया। दो सप्ताह की कठिन वार्ता के बाद, सम्मेलन ने कन्वेंशन, क्योटो प्रोटोकॉल और पेरिस समझौते के कार्यान्वयन पर 20 से अधिक निर्णयों को पारित किया और “बाकू जलवायु एकजुटता संधि” नामक पैकेज संतुलित परिणाम को हासिल किया गया।
विशेष रूप से 2025 वर्षोत्तर जलवायु वित्तपोषण लक्ष्य और सम्बंधित व्यवस्थाओं को संपन्न किया गया और विकासशील देशों में जलवायु कार्यों का समर्थन करने के लिए 2035 तक विकसित देशों के लिए कम से कम 3 खरब डॉलर का वार्षिक वित्त लक्ष्य और प्रति वर्ष कम से कम 13 खरब का जलवायु वित्तपोषण लक्ष्य को निर्धारित किया गया। साथ ही, पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 में अंतर्राष्ट्रीय कार्बन बाजार तंत्र के लिए विस्तृत संचालन नियम पूरे किए गए।
समापन समारोह में चीनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और चीनी पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्रालय के उप मंत्री चाओ यिंगमिन ने अपने भाषण में कहा कि इस वर्ष जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के लागू होने की 30वीं वर्षगांठ है। पिछले 30 वर्षों में, कन्वेंशन की शासन प्रक्रिया कई परीक्षणों से गुज़री है, हालाँकि यह हमेशा सुचारू नहीं रही है, यह हमेशा आगे बढ़ी है। मानवता एक साझा भविष्य वाला समुदाय है, जलवायु संकट का सामना करते हुए हम केवल एकजुट होकर ही सहयोग करने के जरिए इसका निपटारा कर सकते हैं।
शांगहाई अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान की सार्वजनिक नीति और नवाचार संस्था के निदेशक यू होंगयुआन ने चाइना मीडिया ग्रुप को दिये साक्षात्कार में कहा कि बाकू जलवायु सम्मेलन ने निश्चित सफलता हासिल की, और चीन ने इसमें महत्वपूर्ण अग्रणी भूमिका निभाई। हरित और निम्न-कार्बन क्षेत्र में चीन की अपनी विकास उपलब्धियों ने वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रशासन में नई जीवन शक्ति का संचार किया है।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)