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BLA ने ट्रेन को किया हाईजैक, PAK और CHINA को क्यों मानता हैं अपना सबसे बड़ा दुश्मन… जानिए क्या है पूरा मामला

नेशनल डेस्क : पाकिस्तान ट्रेन हाईजैक को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक किए जाने के बाद सुरक्षाबलों ने अब तक 155 यात्रियों को आतंकवादियों से सुरक्षित बचा लिया है। सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान अब तक 27 आतंकवादियों को मार गिराया गया है। साथ ही यह भी पता चला है कि जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक करने वाले आतंकवादी अफगानिस्तान में अपने मददगारों के संपर्क में हैं। इसी बीच आज हम यह जानेंगे की क्या है BLA और क्यों पाकिस्तान और चाइना का है सबसे बड़ा दुश्मन। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

1947 में बलूचिस्तान का जबरन विलय कर लिया

आपको बता दें कि बलूचिस्तान पाकिस्तान से ही सटा हुआ एक अलग प्रांत है, जो खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानता है। 1947 में जब पाकिस्तान का गठन हुआ, तब पाकिस्तान ने बलूचिस्तान का जबरन विलय कर लिया था। इसके बाद से बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। पाकिस्तान ने न केवल बलूचिस्तान की संपत्ति का दोहन किया, बल्कि चीन को भी यहां खनन का अधिकार सौंप दिया है, जिससे वहां के लोग पाकिस्तान और चीन दोनों से नाराज हैं।

बलूचिस्तान की अमूल्य संपत्तियों का दोहन

वहीं बलूचिस्तान के लोगों का यह मानना है कि यदि पाकिस्तान और चीन उसका शोषण करना बंद कर दें और वहां की संपत्तियों पर अपना हक छोड़ दें, तो यह एक समृद्ध और खुशहाल प्रदेश बन सकता है। लेकिन पाकिस्तान और चीन ने बलूचिस्तान की खनिज संपत्तियों का दोहन किया है, जिससे बलूचिस्तान की हालत खस्ता हो गई है। बलूच लोगों का कहना है कि उनकी संपत्ति का शोषण पाकिस्तान और चीन द्वारा किया जा रहा है, और इसके परिणामस्वरूप उनकी हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है।

1971 के बाद संघर्ष का तेज होना

दरअसल, 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश के विभाजन के बाद बलूचिस्तान में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष तेज हो गया। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से अलग होकर अपना स्वतंत्र अस्तित्व चाहते हैं। यह संघर्ष अब तक जारी है, और हर साल इसमें और तेजी आती जा रही है।

25 साल पहले बनी बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (BLA)

बलूचिस्तान के लोगों ने अपने आंदोलन को मजबूत करने के लिए 2000 में अपनी सशस्त्र सेना बनाई, जिसे “बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी” (BLA) कहा जाता है। इस आर्मी के पास 6000 से ज्यादा हाईटेक हथियार हैं। यह बलूचिस्तान का सबसे बड़ा सशस्त्र समूह है, और इसके सदस्य पाकिस्तान सरकार और चीनी कंपनियों के खिलाफ लगातार हमले करते रहते हैं। हालांकि, पाकिस्तान ने 2006 में इस आर्मी पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन BLA अपनी ताकत बढ़ाने में जुटा हुआ है।

BLA का चीन और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध

BLA पाकिस्तान और चीन दोनों को दुश्मन मानता है। ग्वादर, जो बलूचिस्तान का एक अहम बंदरगाह है, पाकिस्तान और चीन के बीच साझा है। यह बंदरगाह चीन के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से चीन बलूचिस्तान की संपत्तियों का शोषण कर रहा है। चीन की कंपनियां यहां खनन कर रही हैं, जबकि बलूचिस्तान को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। पाकिस्तान इस पूरे शोषण से मोटी रकम कमा रहा है, लेकिन बलूचिस्तान के लोग गरीब होते जा रहे हैं। इस कारण से बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान और चीन दोनों से आजादी की मांग कर रहे हैं।

ट्रेन हाईजैकिंग और बलूचिस्तान का संदेश

बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (BLA) का मुख्य उद्देश्य बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आज़ाद कराना और चीन की कंपनियों को बलूचिस्तान से बाहर भेजना है। इसके लिए BLA ने कई बार आतंकी हमले किए हैं और हाल ही में एक ट्रेन हाईजैक भी किया। ट्रेन हाईजैक करने का उद्देश्य पाकिस्तान सरकार और चीन पर दबाव डालना था। BLA का कहना है कि अगर पाकिस्तान और चीन बलूचिस्तान से अपनी गतिविधियां नहीं रोकते, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

बलूचिस्तान का संघर्ष

बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान और चीन से अपनी आज़ादी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी संपत्तियों का शोषण बंद किया जाए और उन्हें उनके हक दिए जाएं। BLA के संघर्ष के कारण पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए बलूचिस्तान एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। बलूचिस्तान के लोग अब इसे अपनी ज़िंदगी का अहम हिस्सा मानते हुए स्वतंत्रता के लिए अपनी आवाज़ उठा रहे हैं, और यह संघर्ष अभी तक खत्म होता हुआ नजर नहीं आता।

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