अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति को आकार देने वाली महत्वपूर्णं शक्ति है ब्रिक्स :शीचिनफिंग

23 अगस्त को 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित हुआ ।दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामाफोसा ने इस की अध्यक्षता की ।चीनी राष्ट्रपति शीचिनफिंग ,ब्राजीलियाई राष्ट्रपति लूला ,भारतीय प्रधान मंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन (आनलाइन) इस में उपस्थित हुए । पाँच देशों के नेताओं ने इस सम्मेलन के मुख्य विषय ब्रिक्स और.

23 अगस्त को 15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित हुआ ।दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामाफोसा ने इस की अध्यक्षता की ।चीनी राष्ट्रपति शीचिनफिंग ,ब्राजीलियाई राष्ट्रपति लूला ,भारतीय प्रधान मंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन (आनलाइन) इस में उपस्थित हुए । पाँच देशों के नेताओं ने इस सम्मेलन के मुख्य विषय ब्रिक्स और अफ्रीका ,ब्रिक्स सहयोग और समान चिंता वाले अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर रायों का गहन आदान प्रदान कर व्यापक समानताएंबनायीं।

शीचिनफिंग ने अपने भाषण में कहा कि ब्रिक्स देश अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति को आकार देने वाली महत्वपूर्ण शक्ति है ।हमें विश्व में अधिक निश्चितताएं ,स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा डालनी चाहिए ।हम स्वतंत्रता से विकास का रास्ता चुनते हैं ,एक साथ विकास अधिकार की सुरक्षा करते हैं और आधुनिकीकरण की ओर बढ़ते हैं ।यह मानव समाज के विकास की दिशा का प्रतिनिधित्व करता है और निश्चय ही विश्व विकास की प्रक्रिया पर गहरा प्रभाव डालेगा ।

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि हमें आर्थिक ,व्यापारिक व वित्तीय सहयोग बढ़ाना चाहिए ताकि आर्थिक विकास को मदद मिले ।हमें राजनीतिक सुरक्षा सहयोग का विस्तार करना चाहिए ताकि शांति व सौहार्द की सुरक्षा की जाए । हमें सांस्कृतिक आदान प्रदान मजबूत कर, न्याय व निष्पक्षता पर कायम रहकर वैश्विक शासन संपूर्ण बनाना चाहिए ।

शीचिनफिंग ने कहा कि चीन विभिन्न पक्षों के साथ ब्रिक्ससतत् व्यावसायिक आदान प्रदान सहयोग तंत्र निर्मित करने को तैयार है ताकि यूएन 2030 निरंतर विकास एजेंडा के लिए व्यवसायों के जुड़ाव और परियोजनाओं के सहयोग का मंच प्रदान किया जाए ।चीन नये युग में वैज्ञानिक व प्रौद्योगिकी सृजन इंक्यूबेशनपार्क स्थापित करेगा और ब्रिक्स देशों के वैश्विक रिमोट सेसिंग उपग्रह डेटा व इस्तेमाल सहयोग मंच की स्थापना की कोशिश करेगा ।उन्होंने यह सुझाव भी पेश किया कि ब्रिक्स देशों को शिक्षा सहयोग का विस्तार करना चाहिए ।

(साभार—चाइना मीडियग्रुप ,पेइचिंग)

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