बंधकों को घर वापस लाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता : Isaac Herzog

जेरूसलमः इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने कहा कि उनकी मुख्य प्राथमिकता उन बंधकों को घर वापस लाना है, जिन्हें 7 अक्टूबर को आतंकवादी समूह द्वारा यहूदी राष्ट्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले के बाद हमास द्वारा बंदी बना लिया गया था। उन्होंने रविवार को यहां राष्ट्रपति भवन में आतंकवादी समूह द्वारा बंधक बनाए.

जेरूसलमः इजराइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग ने कहा कि उनकी मुख्य प्राथमिकता उन बंधकों को घर वापस लाना है, जिन्हें 7 अक्टूबर को आतंकवादी समूह द्वारा यहूदी राष्ट्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले के बाद हमास द्वारा बंदी बना लिया गया था। उन्होंने रविवार को यहां राष्ट्रपति भवन में आतंकवादी समूह द्वारा बंधक बनाए गए लोगों के प्रतिनिधियों और परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। बैठक का आयोजन बंधकों और लापता परिवार फोरम द्वारा किया गया था, जो बंधकों को वापस लाने के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है।

इसहाक हर्ज़ोग ने कहा,‘‘हम एक भयानक स्थिति में हैं। दर्द की भयावहता भयानक है। हम इस तथ्य का गहरा सम्मान करते हैं कि आपने प्रयास किया और यहां आये। हम मदद करने, गले लगाने, मजबूत करने, समर्थन करने और समाधानों के बारे में एक साथ सोचने आए हैं। हमारे सामने एक बहुत बड़ी राष्ट्रीय चुनौती है। इसके लिए हमें शांतिपूर्वक और जिम्मेदारी से कार्य करने की आवश्यकता है। हम अपने प्रियजन को घर लाना चाहते हैं और यह एक चुनौती है।‘

‘‘इज़राइल के राष्ट्रपति के रूप में, मैं आपसे अपने प्रियजनों को घर लाने के लिए सब कुछ करने की प्रतिज्ञा करता हूं। यह मेरे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला लक्ष्य है।’’ परिवारों ने अपने प्रियजनों के भाग्य पर अनिश्चितता के संबंध में राष्ट्रपति के समक्ष चिंता प्रकट की। उन्होंने सभी बंधकों और लापता व्यक्तियों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास करने की मांग भी उनसे की हैं। इज़रायली अधिकारियों के अनुसार, वर्तमान में गाजा में कम से कम 212 लोग बंदी हैं, इनमें इज़रायली और विदेशी नागरिक शामिल हैं।

19 अक्टूबर को, हमास ने अमेरिकी नागरिक जूडिथ ताई रानन और उनकी 17 वर्षीय बेटी नताली रानन को रिहा कर दिया था, जिनका 7 अक्टूबर को अपहरण कर लिया गया था। उधर, इजराइल-हमास संघर्ष सोमवार को लगातार 17वें दिन भी जारी रहा, इससे दोनों पक्षों में मरने वालों की संख्या 6,000 से अधिक हो गई है, जबकि हजारों अन्य घायल हो गए या अपने घरों से विस्थापित होने के लिए मजबूर हो गए।

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