Celebration of Chinese New Year : चाहे भारत हो या चीन, त्योहारों पर घर के आंगन या दरवाज़े को सजाने का तरीका एक-जैसा ही है। भारत में, दिवाली के दौरान, हम अपने घरों को बंदनवार से सजाते हैं और सुख और समृद्धि के लिए अपने दरवाज़ों पर शुभ लाभ लिखते हैं, तो वहीं चीन में लोग अपने नये साल के दौरान कुछ ऐसा ही करते हैं— लाल रंग के कागज पर लिखे “फू” शब्द को चिपकाते हैं, जिसका अर्थ है- सौभाग्य।
उत्सव मनाने का तरीका एक जैसा
भले ही भाषा अलग-अलग हो, लेकिन मतलब एक ही है- घर में सुख-समृद्धि आना। इसके अलावा, दिवाली पर रंग-बिरंगी कंडील और झालर से सजे घर तो हम सभी ने देखे हैं, ऐसा ही कुछ माहौल चीन में भी होता है जब वे चीनी नया साल मनाते हुए अपने घर को लालटेन और झालरों से सजाते हैं।
दरअसल, चीनी कैलेंडर और हिंदू कैलेंडर लूनर कैलेंडर पर आधारित हैं। इसलिए हर साल भारत में दिवाली और चीन में नया साल अलग-अलग दिन आता है। चीनी नय साल चीन का सबसे बड़ा त्योहार है, जिसे तकरीबन दो हफ्तों तक मनाया जाता है। इसे लूनर न्यू ईयर फेस्टिवल भी कहा जाता है। आमतौर पर चीनी नये साल के दौरान सभी ऑफिस, कॉलेज, स्कूल बंद हो जाते हैं, और चीनी लोग सैर-सपाटे पर निकल जाते हैं।
इस साल “स्नेक ईयर” है
चीनी लोगों का नया साल कभी एक तय तारीख पर नहीं होता, और हर बार यह नई तारीख पर शुरू होता है, लेकिन यह हमेशा 21 जनवरी से 20 फरवरी के बीच ही आता है। इस साल वसंत महोत्सव यानी लूनर न्यू ईयर 29 जनवरी को है, और पूरे चीन में लोग “स्नेक ईयर” यानी सांप का साल मना रहे हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि चीनी नये साल का उत्सव दुनिया के सबसे बड़े रंगीन उत्सवों में से एक है। दुनिया में चीनी लोग जहां भी हों, इस उत्सव को धूमधाम से मनाते हैं। चीन में हर जगह जश्न का माहौल रहता है, और पूरा आसमान रंग-बिरंगे फेस्टिव फ्लैग और लालटेन से जगमगा उठता है।
चीनी नये साल का प्राचीन इतिहास
चीनी नया साल, जिसे आमतौर पर वसंत महोत्सव के रूप में भी जाना जाता है, की जड़ें चीन के प्राचीन शांग राजवंश में हैं, जिसका लगभग साढ़े 3 हजार वर्ष पुराना इतिहास है। इस महोत्सव को पूरे चीन में बड़े ही जोर-शोर से मनाया जाता है, और नये साल की पूर्वसंध्या में परिवार के सभी लोग एकजुट होकर रात का खाना खाते हैं।
जब चीनी नया साल आता है तब गांवों में मेले लगाये जाते हैं, साथ ही बाजार भी लगता हैं। ये आमतौर पर खुले बाजार होते हैं जहां नये साल से संबंधित चीज़ें- जैसे फूल, खिलौने, कपड़े, पटाखें आदि बिकते हैं। लोग अपने मन मुताबिक ऐसे मेलों या बाजारों से घर सजाने का सामान और अपने दोस्तों को देने के लिए गिफ्ट्स खरीदते हैं।
चीनी नये साल पर साज-सजावट
चीनी नया साल को मनाने से जुड़े क्षेत्रीय रीति-रिवाज और परंपराओं में भिन्नता नजर आती है। ज्यादातर सार्वजनिक सजावट एक महीने पहले की जाती है, लेकिन पारंपरिक रूप से चीनी नये साल की एक रात पहले घरों की सजावट की जाती है। लोग उपहार खरीदने, साज-सजावट, खाना, कपड़े आदि में काफी पैसा खर्चा करते हैं। हर कोई अपने घर की अच्छे से सफाई करता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि साफ-सफाई न करना दुर्भाग्य को अपने घर न्यौता देने जैसा है।
चीनी नया साल बड़े पैमाने पर साउथ-ईस्ट एशिया में मनाया जाता है, जहां प्रवासी चीनी लोगों की आबादी रहती है। वहीं, वैंकूवर, न्यूयॉर्क, लंदन और सिडनी जैसे बड़े पश्चिमी शहरों में, पारंपरिक लॉयन-ड्रैगन डांस जैसे उत्सवों का आयोजन किया जात है।
स्प्रिंग फेस्टिवल गाला का ख़ास आकर्षण
चीनी लोग अपने परिवार के साथ टीवी पर स्प्रिंग फेस्टिवल गाला भी देखना पसंद करते हैं, जो चाइना की मेनस्ट्रीम मीडिया सीएमजी, यानी चाइना मीडिया ग्रुप बनाता और दिखाता है। यह एक ख़ास चीनी नववर्ष प्रोग्राम होता है जिसे चीनी नये साल की एक रात पहले टीवी और सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जाता है। इसे बड़ी संख्या में देखा जाता है।
यह प्रोग्राम एक वैरायटी शो है जिसमें कॉमेडी एक्ट, गाने, डांस, कलाबाजी, जादू आदि सब होता है और यह चीनी परिवारों, यहां तक कि विदेश में रहने वाले लोगों के लिए भी चीनी नववर्ष की पूर्व संध्या पर देखने की परंपरा बन गई है। स्प्रिंग फेस्टिवल गाला चीन में एक खास कल्चरल प्रोग्राम है, जिसमें चीनी संस्कृति और आधुनिकता का मिश्रण देखने को मिलता है।
देखा जाए तो कहीं न कहीं चीन का यह नया साल भारत के दिपावली त्यौहार से पूरी तरह मेल खाता है। ये दोनों त्यौहार यह दिखाने का काम करते हैं कि अलग-अलग सभ्यताओं और इतिहास से उत्पन्न होने वाले मनुष्यों में बहुत कुछ समान है, और यह केवल सांस्कृतिक रूप की अभिव्यक्ति है, जो अलग है।
(अखिल पाराशर- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)