चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने हाल ही में नये अंक की अमेरिका द्वारा विश्व व्यापार संगठन के नियमों व कर्तव्यों की स्थिति नामक रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि पिछले एक साल में अमेरिका ने सदस्य देशों की प्रतीक्षा को नज़रअंदाज कर एकतरफा कार्रवाई और भेदभावपूर्ण कदम बरकरार रखा और निरंतर टैरिफ दर की उन्नति की, जिसने बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती लायी।
इस रिपोर्ट के अनुसार चाइना मीडिया ग्रुप के अधीन सीजीटीएन ने एक सर्वे आयोजित किया। इस सर्वे के परिणामों से पता चला है कि 90.53 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अमेरिकी सरकार की श्रृंखलात्मक एकतरफावाद और व्यापार संरक्षण कदमों की आलोचना की। उनके विचार में यह डब्ल्यूटीओ के नियमों को पैरों तले रौंदना है।
ध्यान रहे विश्व व्यापार संगठन ने फैसला सुनाया है कि अमेरिका की धारा नंबर 301 की टैरिफ वसूली डब्ल्यूटीओ के नियमों के विरुद्ध है। इसके बावजूद अमेरिका सम्बंधित देशों के समुद्री मामले, लॉजिस्टिक्स व जहाज़ निर्माण की पड़ताल करता है और कुछ उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाता है। इसके प्रति सीजीटीएन के सर्वे में भाग लेने वाले 94.31 लोगों ने अमेरिका की डब्ल्यूटीओ नियमों के प्रति सम्मान के अभाव पर सहमति जताई।
बता दें कि इस मई तक अमेरिका ने लगातार 76 बार डब्ल्यूटीओ की मध्यस्थता संस्था की नियमित बैठक में अपील संस्था के सदस्यों की चयन प्रक्रिया यथाशीघ्र ही शुरू करने से इंकार किया। सीजीटीएन के सर्वे में 94.16 उत्तरदाताओं के विचार में अमेरिका ने इस कार्रवाई में अपने हितों को डब्ल्यूटीओ से ऊपर रखा है और डब्ल्यूटीओ के सामान्य संचालन को गंभीर रूप से बाधित किया है। डब्ल्यूटीओ के नियमों को तोड़ने के अलावा अमेरिका व्यापार संरक्षणवाद, एकतरफा प्रतिबंध और व्यावसायों की नीति में दोहरा मापदंड अपनाने में मनमानी कार्रवाई करता है।
इस मई तक कुल 91 देशों व क्षेत्रों की 2868 ईकाइयां अमेरिका की प्रतिबंध सूची में शामिल करायी गयी हैं। इसके प्रति 91.55 उत्तरदाताओं के विचार में अमेरिका के एकतरफा प्रतिबंध ने वैश्विक व्यावसायिक चेन और सप्लाई चेन की सुरक्षा को बर्बाद किया है। इसके अलावा 85.82 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अमेरिका से अधिकतर न्यायपूर्ण व समुचित अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था स्थापित करने के लिए अधिक सकारात्मक शक्ति प्रदान करने की अपील की।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)