Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

चीन ने नये मानचित्र में अरुणाचल, अक्साई चिन को अपना बताने के बाद भारत को दी शांत रहने की सलाह

नई दिल्ली: एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने भारत से नए चीनी मानचित्र पर शांत रहने को कहा है, जिसके बारे में भारत का कहना है कि पड़ोसी देश ने उसके इलाकों पर दावा किया है।रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग द्वारा अरुणाचल प्रदेश और विवादित अक्साई चिन क्षेत्र को चीन के क्षेत्र के रूप में दिखाने वाला नक्शा जारी करने के बाद भारत ने विरोध जताया। रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग ने जवाब देते हुए कहा कि उसके पड़ोसियों को इस मुद्दे की ‘अत्यधिक व्याख्या‘ करने से बचना चाहिए।

इस बीच, मीडिया रिपोटरें में कहा गया है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अगले सप्ताह दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन से दूर रहने की संभावना है। रिपोटरें से पता चलता है कि उनकी जगह प्रधानमंत्री ली क्वांग भाग लेंगे।शी ने पहले पुष्टि की थी कि वह 9-10 सितंबर को बैठक के लिए दिल्ली आएंगे – लेकिन चीन के विदेश मंत्रलय ने गुरुवार को नियमित प्रेस ब्रीफिंग में उनकी उपस्थिति की पुष्टि नहीं की।बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के मानक राष्ट्रीय मानचित्र के 2023 संस्करण को लेकर विवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी द्वारा दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर बात करने के कुछ ही दिनों बाद आया है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के दावे को ’बेतुका’ बताया।एक भारतीय अधिकारी ने बाद में कहा कि दोनों देश विवादित सीमा पर ‘तेजी से सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने‘ पर सहमत हुए हैं।ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पक्ष द्वारा सीमा निर्धारण पर ‘कड़ा विरोध‘ दर्ज कराने के बाद, चीनी विदेश मंत्रलय ने संबंधित पक्षों से वस्तुनिष्ठ रहने और चीन के नए 2023 मानक राष्ट्रीय मानचित्र की अधिक व्याख्या करने से बचने का आ’’ान किया है।चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रलय ने सोमवार को मानक राष्ट्रीय मानचित्र का 2023 संस्करण जारी किया, जिससे सीमा विवाद के कारण भारत में असंतोष है।

जवाब में, चीनी विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि नया मानक राष्ट्रीय मानचित्र जारी करना ‘कानून के अनुसार चीन की संप्रभुता जताने का एक नियमित अभ्यास है‘।ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष वस्तुनिष्ठ और शांत रह सकते हैं और मुद्दे की अधिक व्याख्या करने से बच सकते हैं।‘

 

Exit mobile version