चीनी विदेश मंत्रालय ने हाल में नये युग में चीन-अरब देशों की सहयोग रिपोर्ट जारी की, जिसमें चीन और अरब देशों के बीच मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान के इतिहास, नये चीन की स्थापना के बाद, खास तौर पर नयी सदी और नये काल में चीन-अरब देशों की मैत्रीपूर्ण आवाजाही का सिंहावलोकन किया। साथ ही, चीन-अरब देशों के साझे भाग्य वाले समुदाय की रचना करने की दिशा निर्धारित की।
रिपोर्ट में बताया गया कि चीन और अरब देशों के बीच संबंधों का पुराना इतिहास है। “शांति और सहयोग, खुलेपन और समावेशिता, परस्पर सीखने और परस्पर लाभ” हमेशा ही द्विपक्षीय आदान-प्रदान की प्रमुख धारा रही है। नये चीन की स्थापना के 70 से अधिक वर्षों में दोनों पक्षों का सहयोग दक्षिण-दक्षिण सहयोग की मिसाल बन गई है। साल 2012 के बाद चीन-अरब सामरिक साझेदारी संबंधों में निरंतर नयी प्रगतियां प्राप्त हुई हैं, और दोनों के बीच बेल्ट एंड रोड के सह-निर्माण में नयी उपलब्धियां हासिल हुई हैं।
21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश होने के बाद दुनिया ने नये डांवाडोल के काल में प्रवेश किया है। फिर भी चीन का अरब देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों का विकास करने का संकल्प और मजबूत और दृढ़ हो गया है। चीन प्रथम चीन और अरब देशों के शिखर सम्मेलन के आयोजन के अवसर पर अरब देशों के साथ तमाम, बहुस्तरीय और बड़े पैमाने वाले सहयोग को और गहरा करेगा, नये युग में चीन-अरब साझे भाग्य वाले समुदाय की रचना करेगा, ताकि विकासमान देशों की एकता और सहयोग को आगे बढ़ा सके और विश्व शांति व विकास कार्य की समान रक्षा कर सके।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)