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China ने संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के सुधार पर चीन के रवैये को किया स्पष्ट

संयुक्त राष्ट्र स्थित चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि ताइ पिंग ने 21 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र महासभा की शांति मिशन पर विशेष समिति की आम बहस में भाग लिया और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन के सुधार पर चीन के रवैये को स्पष्ट किया। ताइ पिंग ने कहा कि शांति मिशन संयुक्त राष्ट्र के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है। वर्तमान में वैश्विक चुनौतियाँ एकाएक उभर रही हैं। एकपक्षवाद, शीत युद्ध की मानसिकता और आधिपत्यवाद विश्व की शांति को भंग कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के सामने अनिश्चितता और अस्थिरता के कारकों में वृद्धि जारी है। इस स्थिति में, “एक्शन फॉर पीसकीपिंग+” पहल को लागू करना आवश्यक है, शांति मिशन में सुधार जारी रखना और शांति मिशन की बेहतर भूमिका निभाना जरूरी है। पहला, हमें शांति मिशन की समग्र योजना को मजबूत करने की जरूरत है।

दूसरा, शांति मिशन कर्मियों की सुरक्षा की प्रभावी रूप से गारंटी होनी चाहिए। तीसरा, शांति मिशन साझेदारी को लगातार मजबूत किया जाना चाहिए। ताइ पिंग ने यह भी कहा कि चीन संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में प्रमुख सैन्य-योगदान करने वाला देश है और शांति मिशन के वित्त पोषण में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता देश भी है। चीन ने शांति मिशन के लिए 8,000 लोगों की रक्षित फोर्स की स्थापना की है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन कर्मियों की सुरक्षा पर दोस्तों के समूह की स्थापना का नेतृत्व किया और शांति मिशन कर्मियों की सुरक्षा पर कई विशेष कार्यक्रम आयोजित किए। चीन शांति मिशन कर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने में सकारात्मक भूमिका निभाता रहता है। चीन संयुक्त राष्ट्र पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को मज़बूती से बनाए रखना जारी रखेगा, संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेता रहेगा, और सभी पक्षों के साथ अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अधिक से अधिक योगदान देगा।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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