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खुलेपन और आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने पर लगातार जोर दे रहा है चीन

चीन लगातार खुलेपन को बढ़ावा देने पर ज़ोर दे रहा है। जाहिर है कि गत अस्सी के दशक में चीन ने खुलेपन का द्वार दुनिया के लिए खोला था, उसे बंद करने का चीन का कोई इरादा नहीं है। लगातार विभिन्न नीतियों के कार्यान्वयन के साथ ही यह और चौड़ा होता जा रहा है। हमने यह स्पष्ट तौर पर देखा है कि हाल के महीनों में चीन सरकार ने बार-बार खुलेपन और नवाचार की बात पर बहुत जोर दिया है।

मार्च के महीने में संपन्न दो सत्रों के दौरान भी खुलेपन और तकनीकी विकास आदि पर फोकस रहा। इसके साथ ही चीन की अर्थव्यवस्था के गुणवत्तापूर्ण विकास पर ध्यान दिया गया है। इस बीच चीनी राज्य परिषद के सामान्य कार्यालय ने उच्च-स्तरीय खुलेपन को लगातार बढ़ावा देने के प्रति एक कार्य योजना जारी की है। इसमें खुलेपन की बात कही गयी है। योजना के मुताबिक चीन विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए व्यापक उपाय करने को तैयार है।

इससे इस बात को बल मिलता है कि चीन वैश्विक स्तर पर एक अहम व शक्तिशाली अर्थव्यवस्था होने की जिम्मेदारी को समझता है। क्योंकि इस कार्ययोजना में जोर देकर कहा गया है कि आधुनिकीकिरण को हासिल करना आवश्यक है। जाहिर है इसे प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश एक बड़ी और महत्वपूर्ण शक्ति है। साथ ही चीन की अर्थव्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था की आम समृद्धि व विकास को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने में विदेशी निवेश की व्यापक भूमिका है।

वैसे यह पहला मौका नहीं है जब चीन सरकार के संबंधित विभाग ने इस बारे में चीन की इच्छा जाहिर की हो। समय-समय पर चीनी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री चीन के लक्ष्य और उद्देश्यों को विश्व पटल पर रखते रहे हैं। हाल के दिनों में विश्व की तमाम बड़ी कंपनियों के प्रमुख चीन की राजधानी पेइचिंग पहुंचे और उन्होंने चीन में निवेश करने और व्यापक रूप से कंपनी का विस्तार करने की इच्छा जताई। इसमें एप्पल के टिम कुक आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे। साथ ही विश्व बैंक के बड़े अधिकारी भी चीन आकर चीन की अर्थव्यवस्था में अपना विश्वास जता रहे हैं।

यह कहा जा सकता है कि चीन में निवेश और काम करने को लेकर विदेशी उद्यमों का विश्वास बना हुआ है। इसके साथ ही चीन की ओर से भी पहल की जा रही है। हालिया कार्य योजना के अनुसार, विदेशी निवेश को अधिक मजबूती से आकर्षित करने पर काम करने की जरूरत है। साथ ही नयी विकास अवधारणा सही ढंग से लागू करने की भी आवश्यकता है। वहीं दूसरी ओर चीनी व्यापार संर्वद्धन संघ के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि चीनी कंपनियां विदेशी निवेश में लगातार संलग्न रहीं हैं।

रिपोर्ट की मानें तो पिछले एक साल के दौरान चीनी उद्यमों के विदेशी निवेश का सतत विकास बना रहा। इतना ही नहीं 80 फीसदी से ज्यादा उद्यम विदेशी निवेश का विस्तार जारी रखने के इच्छुक हैं। उत्साजनक बात यह है कि यह गत वर्ष की तुलना में दस प्रतिशत अधिक है। वहीं करीब 90 फीसदी से अधिक कंपनियां विदेशी निवेश की संभावनाओं को लेकर उम्मीदों से भरी हुई हैं। चीन द्वारा किए जा रहे उपायों और प्रयासों से जाहिर होता है कि चीन खुलेपन का द्वार चौड़ा कर रहा है और विदेशी कंपनियों के लिए सुविधाजनक माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

(अनिल पांडेय)

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