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मौसम संबंधी सटीक भविष्यवाणी में वैश्विक स्तर पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है चीन

मौसम की सटीक भविष्यवाणी करना आज के दौर में काफी अहम हो गया है। विभिन्न देश उपग्रहों और रडारों के सहारे इस चुनौती से निपट रहे हैं। मसलन बारिश, तूफान और सुनामी आदि के बारे में सही अनुमान लगाना मौसम विज्ञान के जरिए संभव हो सका है। मौसम विज्ञान के क्षेत्र में हुई तरक्की के.

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मौसम की सटीक भविष्यवाणी करना आज के दौर में काफी अहम हो गया है। विभिन्न देश उपग्रहों और रडारों के सहारे इस चुनौती से निपट रहे हैं। मसलन बारिश, तूफान और सुनामी आदि के बारे में सही अनुमान लगाना मौसम विज्ञान के जरिए संभव हो सका है। मौसम विज्ञान के क्षेत्र में हुई तरक्की के कारण मौसम संबंधी आपदाओं से होने वाले जान-माल के नुकसान को काफी कम किया जा सकता है। इसके लिए विश्व मौसम विज्ञान संगठन सक्रिय रूप से जुटा हुआ है। जबकि आसियान देशों में भी मौसम संबंधी चेतावनी के लिए आसियान डेटा सेवा शुरू की गयी है। 

वहीं, चीन की बात करें तो वह अब इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने लगा है। चीन द्वारा स्थापित मौसम चेतावनी व्यवस्था को अन्य देशों द्वारा अपनाया जा रहा है। जिससे चीनी सिस्टम की स्वीकार्यता बढ़ रही है।  

बताया जाता है कि चीन ने दुनिया की सबसे बड़ी व्यापक भू-वायु-अंतरिक्ष मौसम संबंधी अवलोकन व्यवस्था स्थापित की है। इसके तहत चीन ने 9 फंगयुन मौसम विज्ञान उपग्रहों को स्थापित किया है। वहीं 546 मौसम रडार और 70 हज़ार से अधिक भू-आधारित मौसम संबंधी ऑबजर्वेशन स्टेशन निर्मित किए गए हैं। चीन मौसम के फील्ड में उचित समय पर सही जानकारी हासिल करने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का सहारा ले रहा है। चीन का उद्देश्य समय पर बारिश, हवा और तूफान आदि के बारे में अलर्ट जारी करना है। इसके लिए चीन काफी गंभीरता से काम कर रहा है। जिसमें बुद्धिमान ग्रिड मौसम पूर्वानुमान प्रणाली स्थापित करना अहम है, जो देश में 5 किमी. तक के दायरे में स्थानिक रिजॉल्यूशन का अलर्ट जारी करती है। जिसकी सटीकता दर 93 फीसदी मानी जाती है। इस तरह चीन में स्थापित प्रारंभिक मौसम चेतावनी ग्लोबल स्वरूप ले रही है, जिसे कई देशों द्वारा अपनाया जा रहा है।

जैसा कि हम जानते हैं कि इन दिनों चरम मौसम की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और जलवायु परिवर्तन में तेज़ी आ रही है। ऐसे में मजबूत प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों की जरूरत पहले से कहीं अधिक ज़रूरी हो गई है। इसके मद्देनजर चीन इस दिशा में पीछे नहीं रहना चाहता है। जबकि वैश्विक स्तर पर भी काफी काम हो रहा है। बता दें कि साल 2021 में शहरों में बहु-खतरनाक प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र का निर्माण विश्व मौसम विज्ञान संगठन सेवा आयोग की चार वर्षीय कार्य योजना में शामिल किया गया था। इसके अलावा मौसम की पूर्व चेतावनी देने वाले व्यावसायिक प्लेटफॉर्म के लिए आसियान डेटा सेवा शुरू की जा चुकी है। इसके कारण आसियान देशों को बुद्धिमान और परिष्कृत निगरानी, पूर्वानुमान और पूर्व चेतावनी सेवाएं प्रदान करने में मदद मिल रही है।

चीन वैश्विक लेवल पर इस क्षेत्र में बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रहा है। चीन ने संयुक्त राष्ट्र की सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी पहल का समर्थन करने के लिए विश्व मौसम विज्ञान केंद्र के साथ सहयोग समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं। बेल्ट एंड रोड पहल के तहत चीन विभिन्न देशों को सहयोग कर रहा है, और अक्तूबर 2023 में चीन द्वारा की गयी कोशिशों के बारे में बताया गया।

जिस तरह से जलवायु परिवर्तन और मौसम संबंधी आपदाएं लगातार चुनौती के रूप में सामने आ रही हैं। उसे देखते हुए मौसम के बारे में सटीक चेतावनी और भविष्यवाणी करना आवश्यक हो गया है। कहना होगा कि चीन इस चुनौती को अच्छी तरह समझता है, और वह क्षेत्र में तकनीकों का इस्तेमाल करने में पीछे नहीं रहना चाहता है।

(अनिल पांडेय, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)  

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