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कैंटन फेयर के 68 साल

China News : चीन के आयात और निर्यात मेले यानी कैंटन फेयर का इतिहास 68 साल पुराना है। इसका आयोजन ग्वांगझाऊ के कैंटन साल 1957 के वसंत से हर साल आयोजित हो रहा है। चीन में वसंत और शरद ऋतु के बीच साल-दर-साल आयोजित हो रहा यह एक कारोबार मेला है। इसे चीन के सबसे पुराने, सबसे बड़े और सबसे प्रतिनिधि व्यापार मेला होने की हैसियत हासिल है। इस बार इस मेले की शुरूआत 15 अक्टूबर को हुई, जो चार नवंबर तक चलेगा। 

इस बार के आयोजन तीन सत्रों में हो रहे हैं। पहले चरण में जहां उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना उत्पाद, घरेलू विद्युत उपकरण, स्पेयर पार्ट्स, प्रकाश उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल उत्पाद, हार्डवेयर, उपकरण आदि को प्रदर्शित और कारोबार हुआ, वहीं दूसरे चरण में सामान्य सिरेमिक, घरेलू सामान, रसोई के बर्तन और टेबलवेयर, बुनाई, रतन और लौह उत्पाद, बागवानी उत्पाद, घर की सजावट, त्योहार उत्पाद, उपहार और प्रीमियम, ग्लास आर्टवेयर, कला सिरेमिक, घड़ियां, घड़ियां और ऑप्टिकल उपकरण, भवन और सजावटी सामग्री , स्वच्छता और स्नानघर उपकरण, फर्नीचर आदि के कारोबार पर फोकस किया गया। तीसरे चरण में घरेलू वस्त्र, कालीन और टेपेस्ट्री, पुरुषों और महिलाओं के कपड़े, अंडरवियर, खेल और आकस्मिक वस्त्र, फर, चमड़ा, डाउन और संबंधित उत्पाद, फैशन सहायक उपकरण और फिटिंग, कपड़ा कच्चा माल और कपड़े, जूते, केस और बैग, भोजन, खेल, यात्रा और मनोरंजन उत्पाद, दवाएँ, स्वास्थ्य उत्पाद और चिकित्सा उपकरण, पालतू पशु उत्पाद और भोजन, प्रसाधन सामग्री, व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद, कार्यालय आपूर्ति, खिलौने, बच्चों के वस्त्र, बच्चे, शिशु और मातृत्व उत्पाद आदि को प्रदर्शित किया गया और इनके कारोबार हुए। इस मेले में कितने लोग आए और कितने का कारोबार हुआ, इसका आखिरी आंकड़ा तो चार नवंबर के बाद आएगा। लेकिन इतना तय है कि इस मेले ने चीन के कारोबारी समुदाय को एक बार फिर वैश्विक पहचान और पहुंच दी है। कह सकते हैं कि इस मेले के जरिए चीन का कारोबारी दायरा लगातार बड़ा होता जा रहा है।

साल 2023 का कैंटन फेयर कोरोना महामारी के बाद आयोजित पहला व्यापक ऑफ़ लाइन कार्यक्रम था, जिसमें लगभग 130,000 खरीदार आए थे। सिर्फ़ छह महीने बाद, आयोजित 134 वें कैंटन मेले के शरद ऋतु सत्र में उपस्थिति के आंकड़े 200,000 के करीब थे। कोरोना महामारी के पहले तकरीबन हर बार इस मेले में इतने ही लोग आते थे। 

कह सकते हैं कि 68 वर्षों से जारी यह मेला चीन और बाकी दुनिया के बीच महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभरा है। चीन के “दक्षिणी प्रवेशद्वार” के रूप में विख्यात ग्वांगझाऊ ने “कैंटन फेयर, ग्लोबल शेयर” के सिद्धांत को स्वीकार किया है, जो लगातार अपना अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बढ़ा रहा है। इस मेले में साल-दर-साल वैश्विक साझेदारों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। इस मेले में अब तक एक करोड़ से ज्यादा विदेशी खरीदार आ चुके हैं। इस मेले में दुनिया के हर कोने से लोग आ रहे हैं। 

1957 में अपनी स्थापना के बाद से, कैंटन फेयर ने विभिन्न चुनौतियों का सामना किया है, जो गुआंगझाओ के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क उदाहरण है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी खरीदारों की संख्या उद्घाटन सत्र में पहली बार के 1,223 से बढ़कर 1971 के शरद ऋतु सत्र में 10,000 से अधिक हो गई। सुधार और खुलेपन की नीतियों की शुरूआत और विश्व व्यापार संगठन में चीन के शामिल होने के बाद  कैंटन फेयर और अधिक गतिशील और खुला बना। आंकड़ों के अनुसार 2000 के मेले के शरद ऋतु सत्र में, खरीदारों की संख्या 100,000 से अधिक हो गई, और सिर्फ सात साल बाद, 2007 के वसंत सत्र में 200,000 से अधिक खरीदार आए। यह दर 2007 के वसंत सत्र में भी बनी रही। इसके बाद ही कैंटन फेयर का आधिकारिक तौर पर नाम बदला गया। पहले इसे जहां “चीन निर्यात वस्तु मेला” कहा जाता था, वहां बाद में इसे “चीन आयात और निर्यात मेला” कहा जाने लगा। तब से इसका यही नाम है। 

134वें सत्र के अंत तक, कैंटन फेयर में प्रत्यक्ष और ऑनलाइन मिलाकर एक करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए, जिससे चीन और दुनिया के दूसरे देशों और क्षेत्रों के बीच आपसी व्यापार को प्रभावी ढंग से बढ़ावा मिला। 31 मार्च तक, 135वें कैंटन फेयर के लिए पहले से पंजीकृत विदेशी खरीदारों की संख्या 93,000 तक पहुँच गई थी, जिसमें रोजाना वृद्धि देखी गई।

चीन विदेश व्यापार केंद्र के मुताबिक, इस मेले के जरिए  दुनिया के लिए चीन का दरवाजा लगातार बड़ा होता जा रहा है। इसमें वीजा नीतियों में सुधार ने और बढ़ोतरी ही की है। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या भी बढ़ रही है। इससे  वैश्विक निवेश प्रोत्साहन प्रयासों को गति मिली है। 

पिछली बार के आंकड़ों के अनुसार,  215 देशों और क्षेत्रों के विदेशी खरीदारों ने यहां के लिए पंजीकरण कराया था। जिनमें भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, नाइजीरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और सऊदी अरब जैसे प्रमुख देश शामिल हैं। 

गुआंगज़ौ चीन का एकमात्र विदेशी व्यापार बंदरगाह है जो 2,000 से कभी बंद नहीं हुआ। यह बंदरगाह चीन के अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान का अहम प्रवेश द्वार है। 2023 में, गुआंगझाउ “अंतर्राष्ट्रीय सैलून” के रूप में भी मान्यता मिली। इसकी वजह रही, यहां आयोजित हुए 65 महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन। आज गुआंगझाउ का जापान के फुकुओका से लेकर अमेरिका के लॉस एंजिल्स और वियतनाम के हनोई से थाईलैंड के चियांग माई तक, दुनिया के 68 देशों के 106 शहरों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध है। गुआंगझाउ की यह अहमियत ही है कि यहां संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और फ्रांस के महावाणिज्य दूतावास हैं। इस समय इस शहर में 69 विदेशी वाणिज्य दूतावास कार्यरत हैं। इससे ज्यादा महावाणिज्यदूतावास शंघाई में ही हैं। जाहिर है कि ग्वांगझाऊ की अंतरराष्ट्रीय अपील बढ़ गई है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) (लेखक— उमेश चतुर्वेदी)

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