Chine News : 3 फरवरी तक चीनी फिल्मों का कुल बॉक्स ऑफिस 9.82 बिलियन युआन तक पहुंच गया, इस तरह चीन अमेरिका को पीछे छोड़ कर दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म बाजार बन गया। उधर अमेरिका में कुछ राजनेताओं के लिए चीन से पीछे रह जाना सबसे बड़ी परेशानी है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बनकर वैश्विक राजनीतिक, आर्थिक, वित्तीय और यहां तक कि सांस्कृतिक आधिपत्य के शिखर पर पहुंच गया। अमेरिकियों की सोच में सभी बेहतरीन चीजें अमेरिकी हैं। हालाँकि, 4 अक्टूबर 1957 को सोवियत संघ ने पहला कृत्रिम उपग्रह “स्पुतनिक” सफलतापूर्वक लॉन्च किया, और इसके बाद उसने भी विश्व की पहली अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल और पहला अंतरिक्ष यात्री लॉन्च किया, जिससे अमेरिका की अजेयता का मिथक टूट गया।
सुधार और खुलेपन की सफलता से चीन दुनिया के सबसे उन्नत देशों की कतार में शुमार करने में सक्षम बना है। 2011 में चीन का औद्योगिक उत्पादन मूल्य अमेरिका से आगे निकल गया, 2018 में चीन का कुल विदेशी व्यापार आयात और निर्यात 4.62 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिससे चीन दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक देश बन गया। 2019 की पहली छमाही में, चीन की वस्तुओं की कुल खुदरा बिक्री 2.7659 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई, जो पहली बार अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता वस्तु बाजार बन गया। विनिर्माण और विदेशी व्यापार के अलावा, 2021 में चीन ने सफलतापूर्वक एक “आंशिक कक्षीय वाहन” लॉन्च किया और एक हाइपरसोनिक वाहन छोड़ने के बाद सफलतापूर्वक वापस लौटा। अमेरिका को ऐसी अत्याधुनिक तकनीक कभी विकसित नहीं है। अगस्त 2023 में, चीन की हुआवेई कंपनी ने हाई-एंड चिप्स की अमेरिकी नाकाबंदी को तोड़कर मेट 60 लॉन्च किया। उधर, दिसंबर 2024 से अभी तक चीन ने लगातार छठी पीढ़ी वाले लड़ाकू विमान और डीपसीक सहित अनेक तकनीकी उपलब्धियां जारी कीं, जो अमेरिका की तुलना में आगे निकल गईं।
चीन के डीपसीक बड़े मॉडल के उभरने को एक बार फिर अमेरिका का “स्पुतनिक क्षण” कहा गया। इसने न केवल अमेरिकी एआई समुदाय को हिला दिया, बल्कि वॉल स्ट्रीट के एआई क्षेत्र के बाजार मूल्य को भी बदल दिया। भविष्य में अमेरिका को पीछे छूटा जाने की और भी अनेई खबरें सुनायी जाएंगी। चाहे वह हाई-स्पीड रेल हो, ड्रोन हो, रोबोट हो या चिप्स हो, चीन लगातार उच्च प्रौद्योगिकी के शीर्ष की ओर बढ़ रहा है। अब चीन ने मध्यम और निम्न-स्तरीय चिप बाजार में अपना प्रमुख स्थान हासिल कर लिया है, और वह उच्च-स्तरीय चिप्स के क्षेत्र में अमेरिका और पश्चिम के प्रतिबंधों को दूर करने के लिए प्रयास कर रहा है। यह सब चीन के मजबूत विनिर्माण आधार तथा प्रौद्योगिकी, उत्पादन क्षमता और लागत में उसके लाभों से उपजा है। लेकिन, अमेरिका ने उच्च ऊर्जा खपत और उच्च प्रदूषण वाले उद्योगों को अन्य विकासशील देशों में हस्तांतरित कर दिया। विनिर्माण उद्योग को छोड़ने से अमेरिका की प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
अब अमेरिका ने अपनी तमाम आशा एआई के क्षेत्र पर लगा दी हैं, और वह एआई तकनीकी क्रांति की सफलता से दुनिया का नेतृत्व करना चाहता है। लेकिन डीपसीक के उद्भव ने एनवीडिया, इंटेल, अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट जैसी एआई दिग्गजों के आधिपत्य को हिला दिया है। कंप्यूटिंग शक्ति, एल्गोरिदम, डेटा और अनुप्रयोगों के मामले में चीन की एआई तकनीक अमेरिका के या तो करीब है या उससे भी आगे है। अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी में चीनी सफलता का कारण यह है कि चीन ने सभी देशों के लिए द्वार खुलने की नीतियां अपनायी हैं। चाहे आर्थिक विकास हो या वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार, बंदी और प्रतिबंधात्मक नीतियां अपनाने का कोई रास्ता नहीं निकलता। दुनिया का भविष्य विभिन्न देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सहयोग और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पर निर्भर करता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)