Site icon Dainik Savera Times | Hindi News Portal

बांस को ईको-फ्रैंडली विकल्प के रूप में बढ़ावा देता चीन

इसमें कोई दोराय नहीं है कि प्लास्टिक की जगह बांस का इस्तेमाल करने में चीन सबसे आगे है, जो पर्यावरण के लिए बेहतर है। लोगों की मानसिकता और आदतों में यह बदलाव काफी हद तक प्लास्टिक के बजाय बांस के इस्तेमाल के ईको-फ्रैंडली फायदों के कारण है। बांस प्लास्टिक की तुलना में काफी फायदेमंद है, जो इसे ज्यादा टिकाऊ और ईको-फ्रैंडली विकल्प बनाता है।

12 अक्टूबर, 2023 को, चीन के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग और देश की अन्य तीन केंद्रीय सरकारी एजेंसियों ने “प्लास्टिक के ईको-फ्रैंडली विकल्प के तौर पर बांस के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 3 साल की कार्य योजना” शुरू की। इस योजना के तहत लोगों को प्लास्टिक से बांस पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कार्य योजना का मकसद प्लास्टिक के बजाय बांस का इस्तेमाल करके प्लास्टिक प्रदूषण को कम करना है। इसमें एक ऐसी प्रणाली बनाना शामिल है जो प्लास्टिक की जगह बांस का इस्तेमाल करने और पूरी तरह से सप्लाई चेन में सहयोग को प्रोत्साहित करने पर जोर है। इसमें बांस की चीजें बनाना और बाजार में बांस का इस्तेमाल बढ़ाना शामिल है।

वहीं, चीन के राष्ट्रीय वानिकी और घास के मैदान प्रशासन के अंतर्राष्ट्रीय बांस और रतन केंद्र के एक शोधकर्ता की माने तो चीन के पास बहुत सारे बांस संसाधन हैं। उसके पास करीब 837 तरह के बांस हैं। बांस के जंगल 75.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फैले हुए हैं और हर साल 15 करोड़ टन से अधिक बांस का उत्पादन होता है। 

इस साल की शुरुआत तक, चीन के 17 प्रमुख बांस-उत्पादक प्रांतों में प्लास्टिक के बांस-आधारित विकल्पों को समर्पित 20 से अधिक Industrial Base बनाये जा रहे हैं या फिर बनाने की योजना है। इससे पता चलता है कि बांस में कितनी संभावनाएं हैं, और ये कितने फायदेमंद हैं।

बांस के कई फायदों में से एक है- इसकी कठोर मौसम झेलने और टिकाऊ बने रहने की खूबी। जैसा कि हम सब जानते हैं कि प्लास्टिक पुराना होने पर टूटने लगता है लेकिन, बांस प्राकृतिक रूप से मजबूत सामग्री है जो आसानी से खराब नहीं होता। इसे अलग-अलग तरह से इस्तेमाल में लाया जाता है, जैसे निर्माण सामग्री, फर्नीचर और यहां तक कि कपड़ों के लिए भी टिकाऊ विकल्प बनाता है।

बांस एक बहुत ही ज्यादा नवीकरणीय संसाधन है। प्लास्टिक बनाने के लिए भारी मात्रा में प्रोसेसिंग और जीवाश्म ईंधन की जरूरत होती है, लेकिन बांस को हानिकारक कीटनाशकों या उर्वरकों के इस्तेमाल के बिना जल्दी से उगाया जा सकता है। असल में, बांस एक ही दिन में 3 से 4 फीट तक बढ़ सकता है, जिससे यह कम वक्त में ज्यादा मात्रा में मिल जाता है और प्रचुर संसाधन के तौर पर गिना जाता है।

बांस भी तेजी से बढ़ने वाला संसाधन है। प्लास्टिक के विपरीत, इसे उगाने के लिए हानिकारक कैमिकल या तेल जैसी अन-नैचुरल चीज़ों की जरूरत नहीं होती है। यह काफी तेजी से उगता और बढ़ता है, जिसका मतलब है कि बांस हमेशा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है, और यह पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता।

मौजूदा समय में, 10 हजार से अधिक प्रकार के बांस उत्पाद हैं, जिनका उपयोग रोज़मर्रा में इस्तेमाल होनी वाली चीज़ों से लेकर इंडस्ट्रियल मैन्यूफैक्चरिंग, निर्माण सामग्री और यहां तक कि कृषि उत्पादन तक विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है।

मध्य चीन के हुपेई प्रांत में हानछुआन शहर अपने बांस संसाधनों के लिए जाना जाता है। लंबे समय से वहां के लोग बांस से घरेलू बर्तन जैसी चीजें बनाने में कुशल रहे हैं। यह कौशल अब स्थानीय विरासत के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है। स्थानीय सरकार इस कौशल को सीखने वाले लोगों को पैसे देती है, जिससे उन्हें अतिरिक्त पैसे कमाने और परंपरा को जीवित रखने में मदद मिलती है।

वहां के एक स्थानीय किसानों का कहना है कि वे अपने उत्पादों को चीन के विभिन्न हिस्सों में बेचते हैं, और बांस बुनने वाले लोग बांस से चीजें बनाकर सालाना 20,000 युआन (तकरीबन 2 लाख रुपये) तक कमा लेते हैं।

चीन में बांस उद्योग 2.9 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से 1.9 करोड़ से अधिक किसान हैं। यह देश के सभी बांस श्रमिकों का 65 प्रतिशत से अधिक है। इसके अलावा, बांस उद्योग में 10 हजार से अधिक बांस प्रोसेसिंग उद्यम हैं।

चीन लोगों को प्लास्टिक के बजाय बांस का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नई तकनीक भी विकसित कर रहा है। इस साल उसने बांस के कई नए उत्पाद बनाए हैं जो कि प्लास्टिक से कई ज्यादा बेहतर हैं। देखा जाए तो इस तरह के सुधारों के कारण, चीन का बांस उद्योग श्रम की तुलना में प्रौद्योगिकी पर अधिक केंद्रित हो रहा है।

(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)

Exit mobile version