चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 2 अगस्त को हाल में भारत के चेन्नई में समाप्त हुए जी20 पर्यावरण व जलवायु मंत्रियों के सम्मेलन के बारे में संबंधित सवाल के जवाब में कहा कि चीन इस सम्मेलन में विज्ञप्ति न होने पर खेद व्यक्त करता है ।
किसी संवाददाता ने यह पूछा कि पश्चिमी मीडिया ने कुछ व्यक्तियों के विचार का हवाला देते हुए दावा किया कि चीन का पक्ष उत्सर्जन कम करने,जीवाश्म ईंधन बंद करने और नवीकरणीय ऊर्जा बढ़ाने जैसे कुंजीभूत मुद्दों पर सहमित की प्राप्ति के लिए रुकावट बना । इस पर क्या टिप्पणी है ।
प्रवक्ता ने बताया कि संबंधित रिपोर्ट तथ्यों के अनुरूप नहीं है । 28 जुलाई को जी20 पर्यावरण व जलवायु मंत्रियों की संयुक्त बैठक में समानताओं का दस्तावेज और अध्यक्ष का सार बन गया और सकारात्मक व संतुलित उपलब्धियां हासिल हुईं । लेकिन कुछ देशों ने बेवजह भू-राजनीतिक सवाल उठाया ,इस बैठक की विज्ञप्ति नहीं बनी । चीन को इस पर खेद है ।
प्रवक्ता ने बताया कि चीन विकसित देशों से अपना वादा यथाशीघ्र ही लागू कर विकासशील देशों को जलवायु सवाल संबंधी पूंजी प्रदान करने और तकनीक हस्तांतरित करने और एकतरफा कार्रवाई ,डी-कपलिंग करने और व्यापारिक बाधा खड़ी करने जैसे जलवायु परिवर्तन से निपटने की वैश्विक कोशिशें बर्बाद करना बंद करने का अनुरोध करता है ।
प्रवक्ता ने बताया कि इस बैठक की उपलब्धियों के दस्तावेज के सलाह मशविरे में चीन ने कोप-15 अध्यक्ष देश की भूमिका निभाकर विभिन्न पक्षों के हितों का समन्वय करने की कोशिश कर संतुलित दस्तावेज संपन्न करने की बात की ।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)