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चीन ने मानवाधिकार परिषद में कई देशों की ओर से विकलांग महिलाओं के अधिकारों और हितों की रक्षा पर बात की

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और स्विट्जरलैंड में अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में स्थित चीन के स्थायी प्रतिनिधि छन श्य्वी ने 20 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 54वें सत्र में 80 से अधिक देशों की ओर से “विकलांग महिलाएं और सामाजिक समावेशन” पर एक संयुक्त भाषण दिया, जिस पर जबरदस्त प्रतिक्रियां प्राप्त हुईं।
संयुक्त भाषण में बताया गया कि विकलांग महिलाएं मानव परिवार की समान सदस्य हैं। साल 1995 में पेइचिंग में महिलाओं पर विश्व सम्मेलन आयोजित होने के बाद से, वैश्विक महिलाओं के मुद्दे में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। हालाँकि, विकलांग महिलाओं को अभी भी अपर्याप्त सामाजिक सुरक्षा, भेदभाव और गरीबी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
संयुक्त भाषण में इस बात पर जोर दिया गया कि सामाजिक समावेशी विकास को बढ़ावा देना विकलांग महिलाओं को लाभ पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है और यह उनके समान अस्तित्व और विकास में योगदान देने के लिए अनुकूल है। आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मामलों में विकलांग महिलाओं की भागीदारी का विस्तार करना आवश्यक है, ताकि वे व्यापक मानव विकास और सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने में भागीदार, योगदानकर्ता और लाभार्थी बन सकें।
इसके अलावा, संयुक्त भाषण में तीन प्रस्ताव प्रस्तुत किये गये। पहला है सामाजिक समावेशन के बारे में जागरूकता बढ़ाना। दूसरा है सामाजिक समावेशन नीतियों की वकालत करना। और तीसरा है सामाजिक समावेशन निर्माण करना।
(साभार,चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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