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चीन ने “जैविक हथियार संधि” के समीक्षा सम्मेलन में सकारात्मक परिणाम की प्राप्ति को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया

“जैविक हथियार संधि” के समीक्षा का 9वां सम्मेलन 16 दिसंबर को जिनेवा में संपन्न हुआ। चीनी निरस्त्रीकरण मामलों के लिए राजदूत ली सोंग ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि चीन के सक्रिय प्रचार के साथ सम्मेलन अंतिम दस्तावेज़ तक पहुँच गया, सम्मेलन ने संधि की प्रभावशीलता को और.

“जैविक हथियार संधि” के समीक्षा का 9वां सम्मेलन 16 दिसंबर को जिनेवा में संपन्न हुआ। चीनी निरस्त्रीकरण मामलों के लिए राजदूत ली सोंग ने चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने कहा कि चीन के सक्रिय प्रचार के साथ सम्मेलन अंतिम दस्तावेज़ तक पहुँच गया, सम्मेलन ने संधि की प्रभावशीलता को और मजबूत करने और पूर्ण अनुपालन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया, और इसके लिए कार्य दल स्थापित करेगा, यह कार्य दल संधि के पालन और सत्यापन, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, वैज्ञानिक और तकनीकी समीक्षा और राष्ट्रीय कार्यान्वयन जैसे पहलुओं में ठोस कार्य करेगा, और कानूनी रूप से बाध्यकारी तौर-तरीकों सहित संधि को मजबूत करने के उपायों की खोज के लिए प्रतिबद्ध होगा।

सम्मेलन में हिस्से लेने वाले विभिन्न पक्षों का मानना है कि वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति में सम्मेलन की उपर्युक्त उपलब्धियाँ हाल के वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में बहुपक्षीय प्रयासों में महत्वपूर्ण सफलताएँ हैं, और वैश्विक जैव सुरक्षा शासन को मजबूत करने के लिए महान और दूरगामी महत्व की हैं।

सम्मेलन समाप्त होने के बाद राजदूत ली सोंग ने मीडिया से कहा कि सम्मेलन के दौरान चीन ने विभिन्न पक्षों के साथ मिलकर व्यापक तौर पर संचार किया और सक्रिय रूप से मध्यस्थता की, और अंतिम समय में अंतिम दस्तावेज तक पहुंचने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। चीन द्वारा निभाई गई रचनात्मक अग्रणी भूमिका को सम्मेलन के अध्यक्ष दल, संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव, निरस्त्रीकरण मामलों के उच्च प्रतिनिधि और भाग लेने वाले देशों के प्रतिनिधिमंडलों की व्यापक प्रशंसा मिली है।

बता दें कि “जैविक हथियार संधि” 1972 में संपन्न हुई और 1975 में प्रभावी हुई, आज तक 184 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। चीन ने 15 नवंबर 1984 को संधि में भाग लिया था। संधि के समीक्षा का 9वां सम्मेलन 28 नवंबर को जिनेवा में उद्घाटित हुआ। साल 2001 में अमेरिका के एकमात्र विरोध के कारण, संधि के सत्यापन प्रोटोकॉल की बातचीत अब तक रुकी हुई है।  

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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