3 मार्च को, चीनी मानवयुक्त अंतरिक्ष इंजीनियरिंग कार्यालय के अनुसार, इस साल चीन शनचो-20 और शनचो-21 मानवयुक्त अंतरिक्ष यान प्रक्षेपित करेगा। इन मिशनों के लिए अंतरिक्ष यात्री दल का चयन हो चुका है और उनका प्रशिक्षण जारी है। 2025 में, चीन का मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम दो प्रमुख लक्ष्यों – अंतरिक्ष स्टेशन के अनुप्रयोग और विकास तथा मानवयुक्त चंद्र अन्वेषण – पर आगे बढ़ेगा। इस दौरान एक कार्गो आपूर्ति मिशन और दो मानवयुक्त उड़ान मिशनों की योजना बनाई गई है। इन उड़ान मिशनों के अंतरिक्ष यात्रियों का चयन पहले ही किया जा चुका है, और उन्हें मिशन संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस साल के दो मानवयुक्त उड़ान मिशनों में अंतरिक्ष यात्रियों को कई अहम कार्यों को अंजाम देना होगा, जिनमें स्पेसवॉक (केबिन से बाहर निकलकर काम करना), अंतरिक्ष विज्ञान प्रयोग, तकनीकी परीक्षण, प्लेटफॉर्म प्रबंधन, अंतरिक्ष यात्री सहायता, और शैक्षिक कार्यक्रम शामिल हैं। गौरतलब है कि चीनी अंतरिक्ष स्टेशन के पूरा होने के बाद से अब तक 4 मानवयुक्त उड़ानें, 3 कार्गो आपूर्ति मिशन और 4 अंतरिक्ष यान वापसी मिशन सफलतापूर्वक संपन्न किए जा चुके हैं। 5 अंतरिक्ष यात्री दलों के 15 लोग लंबे समय तक कक्षा में रह चुके हैं, और 11 अंतरिक्ष यात्रियों ने बाह्य अंतरिक्ष में निकलकर काम किया है। इन मिशनों के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में रखरखाव कार्य पूरे किए और सबसे लंबी एकल बाह्य अंतरिक्ष गतिविधि का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया।
वहीं, एक अन्य रिपोर्च के अनुसार, 28 फरवरी को चीन और पाकिस्तान ने अंतरिक्ष यात्रियों के चयन और प्रशिक्षण पर एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता चीन के अंतरिक्ष स्टेशन उड़ान मिशनों में विदेशी अंतरिक्ष यात्रियों की भागीदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। चीन का मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम “शांतिपूर्ण उपयोग, समानता, आपसी लाभ और साझा विकास” के सिद्धांतों का पालन करता है। चीन अपनी अंतरिक्ष उपलब्धियों को पूरी मानव जाति के साथ साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है और अंतरिक्ष सहयोग के अवसरों को लगातार बढ़ावा दे रहा है, जिससे मानवता के साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण में योगदान दिया जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)