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चीन ने ऑस्ट्रेलिया से चीन की प्रभुसत्ता का उल्लंघन न करने का अनुरोध किया

रिपोर्टों के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान जारी कर कहा कि 11 फरवरी को ऑस्ट्रेलियाई सैन्य विमानों को दक्षिण चीन सागर में गश्त करते समय चीनी सैन्य विमानों के साथ “असुरक्षित और गैर-पेशेवर इंटरैक्शन” का सामना करना पड़ा, जिससे ऑस्ट्रेलियाई विमान और कर्मियों के लिए खतरा पैदा हो गया।

इसके बारे में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्वो च्याखुन ने 13 फरवरी को पेइचिंग में आयोजित एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऑस्ट्रेलिया के सैन्य विमानों ने चीन की अनुमति के बिना जानबूझकर शीशा द्वीप समूह के प्रादेशिक आकाश में आक्रमण किया। यह चीन की प्रभुसत्ता का उल्लंघन है और चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

क्वो च्याखुन ने कहा कि चीन ने उन्हें हटाने के लिए कदम उठाया, जो कानूनी, पेशेवर और संयमित है। चीन ने ऑस्ट्रेलिया के सामने गंभीरता से यह मामला उठाया और ऑस्ट्रेलिया से आक्रमण व उत्तेजना बंद कर दक्षिण चीन सागर की शांति और स्थिरता को नुकसान न पहुंचाने का अनुरोध किया।

उधर, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता चांग श्याओकांग ने 14 फरवरी को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 11 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया ने जानबूझकर दक्षिण चीन सागर में चीन के खिलाफ़ उल्लंघन किया, और यहां तक कि पहले शिकायत दर्ज की और झूठी बातें फैलाईं। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और ऑस्ट्रेलिया के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है।

प्रवक्ता चांग श्याओकांग के अनुसार, इस बात पर ध्यान देना ज़रूरी है कि ऑस्ट्रेलियाई सैन्य विमानों ने दक्षिण चीन सागर में मुख्य मार्ग की अनदेखी करते हुए दूसरे लोगों के घरों में घुसपैठ की। चीन द्वारा उन्हें बाहर निकालना पूरी तरह से उचित, कानूनी और निंदा से परे है, और यह राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा का वैध बचाव है। हम ऑस्ट्रेलिया से आग्रह करते हैं कि वह अपनी उकसावे की गतिविधियों को त्याग कर अपनी नौसेना और वायु सेनाओं की कार्रवाइयों पर सख्ती से लगाम लगाए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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