चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने 16 नवंबर को चीनी और अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बीच मुलाकात के बारे में चाइना मीडिया ग्रुप के संवाददाता के सवाल का जवाब दिया। इस मौके पर माओ निंग ने कहा चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सैन फ्रांसिस्को में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ मुलाकात की। दोनों नेताओं ने खुले और गहन रूप से विचार-विमर्श किया। दोनों पक्षों ने चीन और अमेरिका दोनों बड़े देशों के बीच रहने के सही रास्ते पर चर्चा की, चीन और अमेरिका की समान जिम्मेदारी को स्पष्ट किया और भविष्य की ओर उन्मुख सैन फ्रांसिस्को दृष्टि बनायी। इससे चीन-अमेरिका संबंधों के स्वस्थ, सतत और अनवरत विकास को रास्ता दिखाया गया और रूपरेखा की योजना तैयार की।
माओ निंग ने आगे कहा कि यह मुलाकात सक्रिय, व्यापक और रचनात्मक है, जिसका रणनीतिक महत्व और दीर्घकालीन प्रभाव है। यह मुलाकात वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एक बड़ी बात है और अवश्य ही चीन-अमेरिका संबंधों के इतिहास में मील का पत्थर बनेगी।
माओ निंग ने कहा कि मुलाकात में शी चिनफिंग ने चीन-अमेरिका संबंधों को स्थिर बनाने और सुधारने पर चीन के आधिकारिक रुख पर प्रकाश डाला। शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और अमेरिका को एक साथ सही समझ स्थापित करनी चाहिए, मतभेदों पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण करना चाहिए, आपसी लाभ वाला सहयोग बढ़ाना चाहिए, बड़े देशों की जिम्मेदारी निभानी चाहिए और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाना चाहिए। शी चिनफिंग ने चीन-अमेरिका संबंधों के स्थिर विकास के लिए स्तंभ खड़ा किया और भविष्य के उन्मुख चीन-अमेरिका संबंधों की नई दृष्टि बनाई।
माओ निंग ने कहा कि वर्तमान मुलाकात में व्यापक क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल हुईं। राजनीतिक कूटनीति, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, वैश्विक शासन और सैन्य सुरक्षा आदि क्षेत्रों में 20 से अधिक सहमतियां बनाई गईं। इन अहम सहमतियों और उपलब्धियों से फिर से जाहिर है कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापक समान हित मौजूद हैं। इससे फिर एक बार इसकी पुष्टि हुई कि आपसी लाभ और समान जीत चीन-अमेरिका संबंधों की आवश्यक विशेषता है। वार्ता और सहयोग चीन और अमेरिका का एकमात्र सही चुनाव है।
माओ निंग ने आगे कहा कि सैन फ्रांसिस्को में हुई मुलाकात चीन-अमेरिका संबंधों के लिए मतभेदों पर नियंत्रण करने और सहयोग का विस्तार करने की महत्वपूर्ण मुलाकात ही नहीं, उथल-पुथल और बदलाव की दुनिया में निश्चितता डालने और स्थिरता उन्नत करने का महत्वपूर्ण मुलाकात भी है। सैन फ्रांसिस्को को चीन-अमेरिका संबंधों को स्थिर बनाने की नई शुरुआत बनना चाहिए। दोनों पक्षों को सैन फ्रांसिस्को से फिर एक बार रवाना होकर नई दृष्टि बनाना चाहिए, चीन-अमेरिका संबंधों का आधार मजबूत करना चाहिए और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का स्तंभ तैयार करना होगा, ताकि दोनों देशों के बीच संबंधों का स्वस्थ, स्थिर और अनवरत विकास बढ़ाया जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)