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चीन हमेशा विकासशील देशों का विश्वसनीय मित्र और ईमानदार भागीदार बना रहेगा

साल 2023 की शुरुआत में, चीनी विदेश मंत्री छिन कांग, जिन्होंने अभी-अभी कार्यभार संभाला है, अफ्रीका की यात्रा पर निकले हैं। वर्ष की शुरुआत में अफ्रीका की यात्रा चीन की कूटनीति की 33 साल की परंपरा है। यह न केवल चीन और अफ्रीका के बीच गहरी दोस्ती को दर्शाता है, बल्कि अफ्रीका महाद्वीप, जहां अनेक.

साल 2023 की शुरुआत में, चीनी विदेश मंत्री छिन कांग, जिन्होंने अभी-अभी कार्यभार संभाला है, अफ्रीका की यात्रा पर निकले हैं। वर्ष की शुरुआत में अफ्रीका की यात्रा चीन की कूटनीति की 33 साल की परंपरा है। यह न केवल चीन और अफ्रीका के बीच गहरी दोस्ती को दर्शाता है, बल्कि अफ्रीका महाद्वीप, जहां अनेक विकासशील देश हैं, के विकास और पुनरोद्धार के लिए चीन के दृढ़ समर्थन को भी दर्शाता है। चीन हमेशा विकासशील देशों का विश्वसनीय मित्र और ईमानदार भागीदार बना रहेगा।

साल 2013 में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अफ्रीका की पहली यात्रा की। इसके बाद पिछले 10 सालों में चीनी और अफ्रीकी नेताओं के संयुक्त मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के तहत चीन-अफ्रीका संबंधों ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। चीन हमेशा अफ्रीका को कर्ज के दबाव को कम करने और जी20 ऋण निलंबन पहल को पूरी तरह से लागू करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। अगस्त 2022 में, चीन ने 2021 में 17 अफ्रीकी देशों को देय 23 ब्याज मुक्त ऋणों को रद्द करने की घोषणा की। अब तक, चीन ने 19 अफ्रीकी देशों के साथ ऋण निलंबन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं या ऋण निलंबन पर सहमति प्राप्त की। चीन वह देश है जो जी20 के सदस्यों के बीच ऋण निलंबन की सबसे बड़ी राशि को लागू करता है।

2022 के अंत में, शी चिनफिंग सऊदी अरब की राजधानी रियाद में पहले चीन-अरब देश शिखर सम्मेलन और पहले चीन-खाड़ी अरब देशों के सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन में भाग लिया और अरब देशों के लगभग 20 नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। उन्होंने चीन और अरब देशों के बीच साझा भाग्य वाले समुदाय के सह-निर्माण के लिए रास्ता तैयार किया। आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में चीन और अरब देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 3 खरब 30 अरब डॉलर से अधिक हो गया, जो 10 साल पहले की तुलना में 1.5 गुना था।  16 नवंबर 2022 को, शी चिनफिंग ने बाली द्वीप में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो के साथ वार्ता की। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने चीन-इंडोनेशिया साझा भाग्य वाले समुदाय के संयुक्त रूप से निर्माण पर महत्वपूर्ण आम सहमतियां प्राप्त कीं। चीनी निगम द्वारा निर्मित जकार्ता-बांडुंग हाई-स्पीड रेलवे इंडोनेशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में पहली हाई-स्पीड रेलवे है, जिसका निर्माण आगामी जून में पूरा होगा और यातायात की सेवा शुरू होगी। इसके बाद जकार्ता से बांडुंग तक की यात्रा का समय 3 घंटे से कम होकर 40 मिनट हो जाएगा, जिससे स्थानीय यातायात की स्थिति में काफी सुधार होगा और क्षेत्रीय संपर्क के स्तर में वृद्धि होगी। 

जकार्ता-बांडुंग हाई-स्पीड रेल के अलावा, हाल ही में पड़ोसी देशों के साथ चीन के सहयोग की प्रमुख परियोजनाओं ने समग्र प्रगति की है, जिनमें कंबोडिया में गोल्डन पोर्ट एक्सप्रेसवे के यातायात के लिए खोलना, चीन-लाओस रेलवे फ्रेट स्टेशन के पूरी तरह से इस्तेमाल का साकार होना, मालदीव में वेलाना हवाई अड्डे पर पहले 4एफ़ स्तरीय रनवे का इस्तेमाल आदि शामिल हैं। इन ठोस उपलब्धियों से न केवल संबंधित देशों के लोगों को लाभ हुआ है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है, जो विकासशील देशों के बीच एकता और सहयोग तथा आपसी लाभ और उभय जीत के लिए उदाहरण स्थापित किया है।  “क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता” (आरसीईपी) के कार्यान्वयन के चलते, इस क्षेत्र के देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान करीब हो गए हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चीन और आसियान के बीच आयात और निर्यात का पैमाना 2022 में 65 खरब 20 अरब युआन तक पहुंच गया, जिसमें साल 2021 की तुलना में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले एक साल में पीछे मुड़कर देखें, तो विकासशील देशों के एक पक्के सदस्य के रूप में चीन ने व्यापक विकासशील देशों के साथ समान व्यवहार किया और ईमानदारी से एक-दूसरे की मदद की। भविष्य को देखते हुए चीन विकासशील देशों के साथ एकजुटता और सहयोग को लगातार मजबूत करता रहेगा, और विकासशील देशों के लिए अधिक व्यावहारिक और अच्छी बातें करेगा।

 (साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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