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चीन के दो सत्र- खुलेपन के साथ-साथ लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के मौके दिया जाना सकारात्मक कदम

China’s two sessions: चीन की राजधानी पेइचिंग में एनपीसी और सीपीपीसीसी दो सत्रों का आयोजन हुआ। इस दौरान विभिन्न नीतियां, मसौदे और प्रस्ताव पारित किए गए। विशेष रूप से आर्थिक स्थिरता और खुलेपन पर व्यापक लोगों ने ध्यान दिया है। चीन ने वर्ष 2025 के लिए 5 फीसदी का विकास लक्ष्य रखा है, जिसे हासिल करना मुश्किल नहीं होगा। इस मौके पर सीजीटीएन हिंदी के वरिष्ठ संवाददाता अनिल पांडेय ने अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार, प्रतिष्ठित पत्रकार और लेखक सीताराम मेवाती के साथ इंटरव्यू किया। पेश हैं इंटरव्यू के मुख्य अंश।

सीताराम कहते हैं कि दो सत्रों का आयोजन कोई सामान्य बात नहीं है। इन दो सत्रों पर पूरे विश्व की निगाहें केंद्रित रहती हैं कि चीन क्या निर्णय लेता है या क्या नई रणनीति अपनाता है। हमने देखा कि इन बैठकों में चीन ने 5 प्रतिशत का जीडीपी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह एक अच्छा और सही लक्ष्य है, जो कि सकारात्मक संकेत देता है। चीन हमेशा हर मामले में अग्रसर रहकर अपनी भूमिका निभाता है। हमने ध्यान दिया है कि दो सत्रों में चीनी प्रतिनिधियों ने कई अहम मामलों पर विचार विमर्श किया और नीतियां बनायीं। मुख्य रूप से तकनीकी नवाचार के साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को बढ़ावा देने की बात की गयी है। जबकि देश के नागरिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने पर भी प्रतिनिधियों की नजर बनी रही। क्योंकि इन सकारात्मक नीतियों से देश उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहेगा।

इसके साथ ही हमने देखा कि चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने अपनी कार्य रिपोर्ट के जरिए बताया कि उक्त नीतियां देश को आगे ले जाने के लिए जरूरी हैं। भारत में जिस तरह हम बजट सत्र की बात करते हैं, उसी तरह चीन में दो सत्र होते हैं। जिसमें अगले एक वर्ष की रणनीति और योजना तैयार की जाती है। इसमें युवाओं को रोजगार देना काफी अहम विषय रहा है, वहीं रियल एस्टेट में चीन ने सकारात्मक और स्थिर वातावरण तैयार करने का भी संकेत दिया है।

ध्यान रहे कि कुछ पश्चिमी देशों ने कहा कि वह चीन के खिलाफ पाबंदी लगा रहे हैं। इसके मद्देनजर चीन ने इन सत्रों में अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने और देश को खुशहाल बनाने के लिए अच्छा काम किया है। चीन की कोशिश है कि उसकी ओर से विश्व के अन्य देशों को साथ लेकर चला जाय। वहीं व्यापार और उद्योग जगत में स्थिरता और सकारात्मक माहौल बना रहे, इस पर चीन का फोकस है।

यह स्पष्ट है कि चीन विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में काफी तरक्की कर रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में चीन ने हाल में जबरदस्त कामयाबी हासिल की है, जिसकी शायद ही किसी को उम्मीद थी। चीनी कंपनी द्वारा ओपन एआई डीपसीक को लांच किया जाना बहुत बड़ी उपलब्धि था। लेकिन हमने यह भी महसूस किया है कि चीन ने एआई के लिए जितने कदम उठाए हैं, उससे अन्य देश सीख सकते हैं। यह कोई चुनौती नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जिस पर दूसरे देश रिसर्च और डिवेलपमेंट कर सकते हैं। हालांकि दूसरे राष्ट्र भी चीन की तरह की उपलब्धि हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, ताकि दुनिया में प्रगति की जो दौड़ चल रही है, उसमें शामिल हुआ जा सके।

(अनिल पांडेय, पेइचिंग)

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