इंटरनेशनल डेस्क : चीन की वार्षिक ‘दो सत्र’ बैठक, जिसमें राष्ट्रीय जन कांग्रेस (NPC) और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन (CPPCC) शामिल हैं, हाल ही में पेइचिंग में संपन्न हुई। इस बैठक में चीन की आर्थिक विकास रणनीतियों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो न केवल देश के लिए बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। सरकार ने 2025 के लिए 5% आर्थिक वृद्धि का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं और अमेरिका के नए टैरिफ के बावजूद निर्धारित किया गया है। चीन की योजना मुद्रास्फीति को 2% तक कम करने और जीडीपी के 4% तक के घाटे का अनुमान लगाने की है। सरकार ने संकेत दिया है कि यदि आवश्यक हो, तो अधिक प्रोत्साहन उपायों की शुरुआत की जाएगी, विशेष रूप से स्थानीय सरकारी ऋण के संबंध में चिंताओं के बीच।
इसी विषय पर हमने बात की चीन में रह चुके वरिष्ठ पत्रकार और सेंटर फॉर जियोइकनॉमिक स्टडीज फॉर द ग्लोबल साउथ में एडवाइज़र श्री अतुल अनेजा से अतुल कहते है “चीन एक बड़े परिवर्तन से गुजर रहा है, उसने विकास का नया मॉडल अपनाया है और यह परिवर्तन पारंपरिक क्षेत्रों जैसे रियल स्टेट और बुनियादी ढांचे के विकास से हटकर है जिसे “उद्योग 4.0” की ओर ले जा रहा है। चीन के पास न केवल 14वीं पंचवर्षीय योजना बल्कि 2015 से 2025 तक की 10 वर्षीय प्रौद्योगिकी योजना के रूप में विकास योजना है। इसमें मूल रूप से विकास के नए क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिसमें एआई, नई सामग्री, क्वांटम कंप्यूटर, इलेक्ट्रिक वाहन आदि शामिल हैं। इस प्रकार चीन अपेक्षाकृत पुरानी अर्थव्यवस्था से नई अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हुआ है, और यह एक बहुत बड़ी छलांग है। चीनी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, हमने हाल ही में डीपसीक चैट बॉट का विकास देखा जो सुर्खियों में रहा है, जो इस बात का उदाहरण है कि उन्होंने एआई डोमेन में कितनी प्रगति की है। इसी तरह अगर आप इलेक्ट्रिक वाहन देखें तो BYD अब इलेक्ट्रिक वाहनों का सबसे बड़ा ब्रांड है।”
अतुल आगे बताते है “एक और महत्वपूर्ण बात जो मैं आपको बताना चाहता हूँ की जब मैं चीन में था तो मुझे याद है पेइचिंग से ह पेई जो पेइचिंग के निकट एक दूसरा प्रोविंस है उन्होंने वहाँ पुराने प्रदूषण फैलाने वाली सभी इंडस्ट्रीज को बंद कर दिया और उसकी जगह वहाँ उन्होंने हरियाली से भरपूर, पर्यटकों के अनुकूल जहाँ कई सारे पार्क है बुद्ध पर्यटन स्थल में बदल दिया तो मैं यहाँ ये कहना चाहता हूँ की वह पारिस्थितिकीय समाज की ओर अग्रसर हैं और मुझे लगता है कि बहुत कुछ ऐसा है जिसका समूचा विश्व चीनी उदाहरण से अनुसरण कर सकता है।”
तो यह कहना ग़लत नहीं होगा कि चीन की सरकार ने हाल के वर्षों में उच्च-गुणवत्ता वाले आर्थिक विकास पर जोर दिया है। इसका मतलब है कि केवल आर्थिक विकास की गति को बनाए रखने के बजाय, विकास की गुणवत्ता और स्थिरता को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकारी कार्य रिपोर्ट में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि चीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से नई आर्थिक गति को प्रेरित करने का प्रयास कर रहा है। चीन का आर्थिक विकास न केवल अपने देश के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। चीन की विकास रणनीतियों और निवेश नीतियों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती मिलती है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है। विशेष रूप से, चीन के हरित प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश से वैश्विक जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को हल करने में मदद मिल सकती है।
चीन की आर्थिक नीतियों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना है। उच्च गुणवत्ता वाले विकास और तकनीकी नवाचार के प्रति चीन की प्रतिबद्धता वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करेगी, जिससे अन्य देशों को भी लाभ होगा। इसके अलावा, चीन का घरेलू खपत को बढ़ावा देने का प्रयास वैश्विक बाजारों के लिए नए अवसर प्रदान करेगा, जिससे विश्वव्यापी आर्थिक स्थिरता और विकास में योगदान मिलेगा।
चीन की ‘दो सत्र’ बैठक में लिए गए निर्णय देश की आर्थिक प्रगति और वैश्विक आर्थिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उच्च गुणवत्ता वाले विकास और तकनीकी नवाचार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता आने वाले वर्षों में सकारात्मक परिणाम लाएगी।
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) (लेखक—देवेंद्र सिंह)