11 से 12 दिसंबर तक चीन के उप विदेश मंत्री श्ये फेंग ने चीन के हपेई प्रांत के लांगफ़ांग शहर में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के पूर्वी एशियाई मामलों के सहायक राज्य मंत्री डेनियल क्रिटेनब्रिंक और व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के चीन मामलों की वरिष्ठ निदेशक लौरा रोसेनबर्गर से मुलाकात की। चीन और अमेरिका इस बात से सहमत हुए कि इस बार की वार्ता स्पष्टवादी, गहन, रचनात्मक रही। दोनों पक्षों ने संचार जारी रखने और दोनों देशों के प्रमुख नेताओं द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण आम रायों को संयुक्त रूप से लागू करने पर सहमति जताई। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 13 दिसंबर को नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
वांग वनपिन ने कहा, इस वार्ता में चीन ने बार-बार अपील की कि चीन हमेशा आपसी सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और आम-जीत सहयोग के तीन सिद्धांतों के अनुसार चीन-अमेरिका संबंध का विकास करने की दिशा में एक रचनात्मक रवैया बनाए रखता है। साथ ही चीन का अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा का दृढ़ संकल्प अटूट है। वांग वनपिन ने कहा कि थाइवान मुद्दा चीन के मूल हितों का मूल है, चीन-अमेरिका संबंधों का राजनीतिक आधार है और चीन-अमेरिका संबंधों की पहली दुर्गम लाल रेखा है। चीन के उप विदेश मंत्री श्ये फेंग ने अमेरिका और थाइवान के उच्च स्तरीय आदान-प्रदान, थाइवान को अमेरिकी हथियारों की बिक्री और अमेरिका द्वारा प्रस्तावित थाइवान से संबंधित कानून आदि गलत व्यवहारों पर एक बार फिर अपना गंभीर रुख जताया। उन्होंने अमेरिका से वास्तविक कार्रवाइयों के साथ एक-चीन के सिद्धांत और चीन-अमेरिका तीन संयुक्त विज्ञप्तियों का पालन करने का आग्रह किया।
इस वार्ता में चीनी पक्ष ने कहा कि चीन न तो प्रतिस्पर्धा से बचता है और न ही डरता है। लेकिन चीन पूरे चीन-अमेरिका संबंधों को परिभाषित करने के लिए प्रतिस्पर्धा का विरोध करता है और प्रतिस्पर्धा के नाम पर नियंत्रण और दमन करने का विरोध करता है। अमेरिका और चीन को न केवल दूसरों पर अपने मूल्यों को थोपने से बचते हुए एक-दूसरे के मूल्यों का सम्मान करना चाहिए, बल्कि दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए। चीन संयुक्त राष्ट्र के कोर में अंतरराष्ट्रीय प्रणाली, अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों के आधार पर अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों को दृढ़ता से कायम रखता है। चीन व्यक्तिगत या कुछ देशों द्वारा बनाए गए तथाकथित “नियमों” को स्वीकार नहीं करता है। चीन कानून के अनुसार संबंधित मामलों को संभालता है। अमेरिका को तथ्यों और चीन के कानून का सम्मान करना चाहिए। यूक्रेन और कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु आदि मुद्दों पर श्ये फेंग ने इस वार्ता में चीन के स्पष्ट और सुसंगत रुख पर प्रकाश डाला।
(साभार – चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)