मानवाधिकार परिषद में चीनी प्रतिनिधि ने महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका पर डाला प्रकाश

संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा कार्यालय और स्विट्जरलैंड में अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि राजदूत छेन शू ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 56वें ​​सत्र में 80 से अधिक देशों की ओर से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने पर एक संयुक्त भाषण दिया। संयुक्त भाषण में यह.

संयुक्त राष्ट्र के जेनेवा कार्यालय और स्विट्जरलैंड में अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में स्थित चीनी स्थायी प्रतिनिधि राजदूत छेन शू ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 56वें ​​सत्र में 80 से अधिक देशों की ओर से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने पर एक संयुक्त भाषण दिया।

संयुक्त भाषण में यह कहा गया है कि वैश्विक कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास में आर्थिक और सामाजिक विकास और मानव सभ्यता की प्रगति को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं। महिलाएं भौतिक और आध्यात्मिक सभ्यता की निर्माता हैं और सामाजिक विकास और प्रगति को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण शक्ति हैं। अगले वर्ष “पेइचिंग घोषणा” और “कार्रवाई की योजना” को अपनाने की 30वीं वर्षगांठ है। हमें इस अवसर पर लैंगिक समानता को बढ़ावा देना चाहिये। और महिलाओं को नई गुणवत्ता उत्पादक शक्तियों के विकास में महत्वपूर्ण भागीदार, शक्तिशाली योगदानकर्ता और वास्तविक लाभार्थी बनने दें।

साथ ही संयुक्त भाषण में चार प्रस्ताव भी रखे गये। पहला है लैंगिक समानता के सिद्धांत को कायम रखना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता शासन में महिलाओं की व्यापक, समान और सार्थक भागीदारी को बढ़ावा देना। दूसरा है गैर-भेदभाव के सिद्धांत का पालन करना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रणालियों में निष्पक्षता और गैर-भेदभाव प्राप्त करने का प्रयास करना। तीसरा है पहले नैतिकता का पालन करना और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दिशानिर्देशों और मानदंडों में सुधार करना। चौथा है अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जारी रखना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता में अंतर को पाटना।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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