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चीनी प्रतिनिधि ने मानवाधिकार परिषद में संयुक्त बयान दिया

इंटरनेशनल डेस्क: 20 मार्च को, जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और स्विट्जरलैंड स्थित अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में चीन के स्थायी प्रतिनिधि छन श्य्वी ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र में मानवाधिकारों के लिए संवाद और सहयोग के मित्रों के समूह की ओर से एक संयुक्त बयान दिया,

जिसमें एकतरफावाद के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की गई और दोहराया गया कि सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास किया जाना चाहिए और सुरक्षा के माध्यम से मानवाधिकारों की रक्षा, विकास के माध्यम से मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और सहयोग के माध्यम से मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए मानवाधिकार परिषद में सार्वभौमिकता, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता और गैर-चयनात्मकता के सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए।

संयुक्त बयान में वैश्विक मानवाधिकारों के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए तीन प्रस्ताव रखे गए। पहला, हमें निष्पक्षता और न्याय को बनाए रखते हुए सभी देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करना चाहिए, अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और मानवाधिकारों की आड़ में उनके विकास को रोकने का विरोध करना चाहिए, और आधिपत्य, बल की राजनीति और दोहरे मानदंडों का विरोध करना चाहिए।

दूसरा, हमें खुलेपन और समावेशिता को कायम रखते हुए सभ्यताओं की विविधता का सम्मान करना चाहिए, तथा सभी देशों द्वारा स्वतंत्र रूप से चुने गए मानवाधिकार विकास पथों का सम्मान करना चाहिए।
तीसरा, हमें सहयोग और उभय जीत पर कायम रखते हुए विकास के अधिकार समेत सभी प्रकार के मानवाधिकारों को समान महत्व देना चाहिए, और समानता व आपसी सम्मान के आधार पर रचनात्मक वार्ता व सहयोग करना चाहिए।

बता दें कि संयुक्त वक्तव्य को व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ, रूस, क्यूबा, ​​इरीट्रिया और सिंगापुर सहित 20 से अधिक देशों ने इसमें भाग लिया, तथा विकासशील देशों ने भी सक्रिय रूप से अपनी प्रतिक्रिया दी।

(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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