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पूर्वी फ्रांसीसी प्रधान मंत्री के साथ CMG का विशेष साक्षात्कार

इस वर्ष चीन और फ्रांस के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ और चीन-फ्रांस संस्कृति व पर्यटन वर्ष भी है। पूर्व फ्रांसीसी प्रधान मंत्री रैफेरिन ने हाल ही में सीएमजी के साथ एक विशेष साक्षात्कार किया। उन्होंने चीन-फ्रांस संबंध की चर्चा में कहा कि वर्तमान विश्व में परिवर्तन और मुठभेड़ भरी हुई है ।चीन और फ्रांस दोनों को अपनी-अपनी बुद्धिमत्ता प्रदान करने की क्षमता और जिम्मेदारी है। दोनों देशों को विश्व के विभिन्न देशों के साथ चुनौतियों का सामना करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चीन-फ्रांस संबंध के भविष्य के लिए सबसे महत्पवपूर्ण बात विश्व शांति है। चीन ने इतिहास में वैदेशिक युद्ध छेड़ने की पहल नहीं की। वह सिर्फ अतिक्रमण का सामना करते समय जवाबी हमला करता था। चीन और चीनी जनता ने शांति के प्रति प्रेम दिखाया है। जर्मनी के साथ सुलह पूरा करने वाला फ्रांस भी शांति को प्यार करता है। इसलिए चीन-फ्रांस संबंध के भावी विकास को विश्व शांति और संतुलन पर ध्यान देना है।

रैफेरिन ने कहा कि चीन-फ्रांस संबंध की विशिष्टता है कि वह सांस्कृतिक संबंध है। दोनों देश बहुत प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं,जो पूरे विश्व के सम्मान के योग्य है। सभ्यता का सम्मान शांतिपूर्ण कूटनीति स्थापित करने का आधार है। चीन और फ्रांस का अलग-अलग विकास मॉडल है,लेकिन दोनों प्रभुसत्ता संपन्न देश हैं। पर पूरे विश्व में हम दोनों देश विविधता का सम्मान करते हैं।

रैफेरिन ने कहा कि चीनी अर्थव्यवस्था न सिर्फ चीनी जनता के लिए बल्कि पूरे विश्व की वृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम चीन के आर्थिक विकास,खासकर चीन के सुधार व खुलेपन पर नजर रखते हैं। इसके अलावा हम सृजन में चीनी जनता की सामर्थ्य और बुद्धिमत्ता पर प्रतीक्षा भी करते हैं। विश्व को सृजन की जरूरत है।

रैफेरिन ने अंत में कहा कि चीन और फ्रांस मित्रता को मूल्यवान समझते हैं। इस मित्रता की सुरक्षा करनी है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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