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वैश्विक मानवाधिकार शासन में चीनी ज्ञान का योगदान 

10 दिसंबर मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाई गई मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में निहित अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने, जागरूकता पैदा करने और राजनीतिक इच्छाशक्ति जुटाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है।

मानवाधिकारों का विकास मानव जाति के लिए एक सामान्य कार्य है। लंबे समय से, चीन ने अपनी वास्तविकता से मानव सभ्यता की उत्कृष्ट उपलब्धियों को अपनाते हुए सफलतापूर्वक चीनी मानवाधिकार पथ की खोज की है, जो मानवाधिकारों का सम्मान करता है, उनकी रक्षा करता है और उनका विकास करता है। साथ ही, चीन वैश्विक मानवाधिकार प्रशासन में सक्रिय रूप से भाग लेता है और दुनिया के मानवाधिकारों के विकास में चीनी ज्ञान का योगदान देता है।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के बाद से, चीन मानवाधिकारों का सम्मान और सुरक्षा करने पर जोर देते हुए मानवाधिकारों के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियों को मिला है। उदाहरण के लिए, चीन ने समग्र तौर पर खुशहाल समाज का निर्माण किया है, ऐतिहासिक रूप से पूर्ण गरीबी की समस्या का समाधान किया है और चीन के मानवाधिकारों के विकास के लिए अधिक ठोस नींव रखी है।

इसके अलावा, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कई बार मानवाधिकारों के सम्मान और सुरक्षा पर महत्वपूर्ण व्याख्याओं की एक श्रृंखला बनाई है, जो उच्च स्तर पर चीनी जनता के मानवाधिकारों की रक्षा करने और अधिक निष्पक्ष, उचित और समावेशी वैश्विक मानवाधिकार शासन के गठन को बढ़ावा देने के लिए लाभदायक है।

गौरतलब है कि चीन द्वारा प्रस्तावित मानव के लिए साझे भाग्य वाले समुदाय की अवधारणा शांति, विकास और पर्यावरणीय अधिकारों जैसे सामूहिक मानवाधिकार सामग्री पर प्रकाश डालती है और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संयुक्त कार्रवाई की वकालत करती है, जिसने वैश्विक मानवाधिकार शासन के अर्थ को काफी समृद्ध किया है।

(साभार-चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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