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वुयिंग मियाओ गांव में ‘चरवाहा क्लास’

दक्षिण-पश्चिम चीन में क्वांगशी च्वांग जातीय स्वायत्त प्रदेश और क्वीचो प्रांत की सीमा पर वुयिंग नाम का एक मियाओ जाति का गांव है। मियाओ जाति के भाषा में वुयिंग का अर्थ होता है “सुंदर दुल्हन”। हालांकि,आर्थिक परिस्थितियों, पारंपरिक अवधारणाओं और भौगोलिक वातावरण जैसे कारकों से यहां 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं पहले कभी स्कूल नहीं जाती थीं। उनमें से अधिकांश चरवाहे लड़कियाँ थीं। जब वे छोटी थी, वे परिवार को चराने में मदद करती थी, घर का काम करती थीं, और छोटे भाई-बहनों की देखभाल करती थीं। स्कूल जाना उनके लिए एक दूर का सपना था।

46 वर्षिय ल्यांग ज़ुयिंग 7 साल की उम्र से ही जीवन का बोझ साझा करने लगी। वह दशकों से हर दिन सुबह से रात तक व्यस्त रहती है। इस अवधि में पर्वतीय क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा में धीरे-धीरे सुधार हुआ है।मार्च 2020 से, स्थानीय सरकार वुयिंग मियाओ गांव में प्रशिक्षण क्लास आयोजित करती है, जिसमें मंदारिन, नृत्य और संगीत का प्रशिक्षण दिया जाता है। ल्यांग ज़ुयिंग अपनी पूर्व चरवाहे बहनों के साथ क्लास में जाकर सांस्कृतिक ज्ञान सीखने लगी और और अध्ययन के अपने सपने को साकार करने लगी।

पहले ल्यांग ज़ुयिंग को पढ़ना नहीं आता था, अच्छी तरह से संवाद करना नहीं आता था, और जब वह बाहरी लोगों को देखती थी, तो वह दूर रहती थी। लेकिन अब वह अधिक आश्वस्त है। पिछले साल की दूसरी छमाही में, ल्यांग ज़ुयिंग और उनकी बहनों, जिन्होंने कभी पहाड़ नहीं छोड़ा था, ने पहली बार शहर का दौरा किया और पहाड़ के बाहर की दुनिया को देखा।

आज, ल्यांग ज़ुयिंग हर दिन वीचैट और फोन कॉल के माध्यम से चीनी मंदारिन से जंगली सब्जियों की बिक्री पर व्यापारियों से संपर्क करती हैं। वह अपनी बहनों के साथ शॉर्ट वीडियो भी शूट कर वुयिंग के रीति-रिवाजों का परिचय देती है और गहरे पहाड़ों में हुए बदलावों के बारे में बताती है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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