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चीन में चिप्स उद्योग का विकास

पश्चिम चिप्स को अवरुद्ध करके चीन के उच्च प्रौद्योगिकी के विकास को रोकना चाहता है, ताकि उच्च तकनीक क्षेत्र में उनके दबदबा को सुरक्षित किया जाए। हालाँकि, दुनिया की उत्पादन आपूर्ति श्रृंखला को बाधित करने की कोशिशें केवल पश्चिमी कंपनियों सहित वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया जाएगा, और चीन निश्चित रूप से स्वतंत्र नवाचार के माध्यम से उच्च स्तरीय चिप्स उद्योग का विकास कर सकेगा।

चीन के खिलाफ चिप्स की नाकाबंदी करने का लक्ष्य न केवल उच्च प्रौद्योगिकी है, बल्कि मूल रूप से चीन के आर्थिक विकास स्तर को दबाना है, ताकि चीनी अर्थव्यवस्था को निम्न-स्तरीय उद्योग में बने रहने के लिए मजबूर करे। चिप उद्योग के लिए, सबसे महत्वपूर्ण तकनीक लिथोग्राफी मशीन है। ईयूवी लिथोग्राफी मशीनों के बिना किसी भी उन्नत चिप्स का उत्पादन नहीं किया जा सकता है। दरअसल, चिप्स और लिथोग्राफी मशीनों से जुड़े ज्यादातर उद्योग अमेरिका में नहीं हैं। हालाँकि, चिप्स से संबंधित कोई भी विदेशी कंपनी, भले ही वह केवल एक प्रकार के अमेरिकी प्रौद्योगिकी उपकरण का उपयोग करती हो, तो अमेरिकी कानून इस कंपनी के निर्यात को नियंत्रित कर सकता है।

नए चीन की स्थापना के बाद से, यह हमेशा विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के अधीन रहा। हालांकि, विभिन्न दबावों के बावजूद, चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और उच्च प्रौद्योगिकियों के निर्यातक के रूप में विकसित हुआ है। हालाँकि चिप्स निर्यात नियंत्रण के कारण से अल्पावधि में चीन की चिप आपूर्ति को कठिनाइयाँ पैदा की गयी हों, पर चीन अंततः स्वतंत्र नवाचार को पूरा कर सकेगा। चीन दुनिया का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर बाजार है, जो दुनिया के 40% से अधिक चिप उत्पादन को अवशोषित करता है। चीनी बाज़ार अन्य देशों के लिए अधिक उच्च स्तरीय नौकरियाँ प्रदान करता है। 2022 में, चीन का चिप आयात 415.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। अगर चीन को अपनी चिप तकनीक विकसित करने के लिए इस बड़ी रकम को लगाने के लिए मजबूर किया जाता है, तो इसका परिणाम यह होगा कि अन्य देशों के व्यवसाय अपना सबसे बड़ा बाजार खो देंगे।

दुनिया की उत्पादन आपूर्ति श्रृंखला का वैश्वीकरण संपन्न हो चुका है, जिसमें चीन का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन कुछ बलों ने चीन को आयात के बजाय घरेलू चिप्स विकसित करने के लिए मजबूर किया है। इन का उद्देश्य चीन की चिप तकनीक को निम्न स्तर पर हमेशा के लिए ठीक करने का प्रयास करना है। इसका स्वीकार चीन नहीं करेगा। और चीन के लिए चिप्स निर्यात को प्रतिबंध लगाने से उन निर्यातकों को भी नुकसान होगा। उदाहरण के लिए, चिप की दिग्गज कंपनी एआरएम को दुनिया भर में 18% छंटनी की घोषणा करनी पड़ी है, और यूके में जहां उसका मुख्यालय स्थित है, वहां 20% छंटनी की घोषणा करनी पड़ी है। इसका सीधा कारण यह है कि दबाव के कारण एआरएम को चीनी कंपनी के साथ अपना सहयोग समाप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

दबाव में भी चीन ने चिप्स में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2022 में, चीन ने 14nm चिप्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन हासिल कर लिया है, और उच्च-स्तरीय चिप्स विकसित करने के प्रयास भी चल रहे हैं। वर्तमान में, चीनी शंघाई माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स 28nm विसर्जन लिथोग्राफी मशीन के अनुसंधान और विकास पर काम कर रहा है, और यह 2023 के अंत तक बाजार में पहला घरेलू SSA/800-10W लिथोग्राफी मशीन उपकरण वितरित करने की उम्मीद है। उधर 15 नवंबर, 2022 को हुआवेई कंपनी के एक नए पेटेंट ने ईयूवी लिथोग्राफी मशीन की मुख्य तकनीक में भी सफलता हासिल की है। इसके अलावा, हुआज़होंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित ओपीसी प्रणाली और हार्बिन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित लेजर हस्तक्षेप प्रणाली ने भी सफलता हासिल की है। चीन का लिथोग्राफी मशीन उद्योग धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय उन्नत स्तर के साथ अंतर को कम करेगा। (साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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