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चीनी शैली के आधुनिकीकरण और एशिया-प्रशांत समृद्धि पर दुनिया का ध्यान आकर्षित

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग चीन और अमेरिका के राष्ट्रपतियों के बीच होने वाली मुलाकात के लिए अमेरिका जाएंगे और एपेक नेताओं की 30वीं अनौपचारिक बैठक में भाग लेंगे।

एपेक नेताओं की पहली बैठक के आयोजन की 30वीं वर्षगांठ पर शी चिनफिंग की भागीदारी से एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग पर चीन का बड़ा ध्यान जाहिर हुआ। अब विश्व अर्थव्यवस्था में व्यापक अस्थिरता और अनिश्चितता मौजूद है। विभिन्न पक्षों को आशा है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र लगातार इंजन की भूमिका निभाएगा और विश्व आर्थिक वृद्धि का नेतृत्व करेगा।

फिलीपींस की पूर्व राष्ट्रपति ग्लोरिया मैकापगल अरोयो ने कहा कि विश्व व्यवस्था जटिल होने और इसमें परिवर्तन में तेजी आने की स्थिति में चीन विकास का नया मॉडल बना रहा है। चीन ने साबित किया है कि वह किसी का प्रतिस्पर्धी नहीं, जबकि विकास का साझेदार है। चीन ने विकासशील देशों को बाजार के अवसर दिए और पूंजी व प्रौद्योगिकी की सहायता दी।

सिंगापुर के मानद स्टेट काउंसलर गोह चोक टोंग ने कहा कि चीन दुनिया की दूसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है। दुनिया में चीन की जीडीपी का अनुपात 18 प्रतिशत से अधिक है। चीन के विकास से दुनिया, विशेषकर एशिया प्रशांत क्षेत्र के सदस्यों को फायदा मिला है। सिंगापुर पहले से ही चीन की आधुनिकीकरण प्रक्रिया में एक प्रतिबद्ध साथी रहा है। इससे चीन और सिंगापुर दोनों को लाभ हुआ। 

किर्गिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ज़ोमार्ट ओटोरबायेव ने कहा कि चीन हमेशा खुलेपन से साझेदारों के साथ आपसी लाभ वाला सहयोग करता है। चीन के आधुनिक निर्माण और उच्च गुणवत्ता वाले विकास का मॉडल अन्य विकासशील देशों को सीखना चाहिए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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