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कर्मचारियों की बढ़ती उम्र के बीच अधिक उम्र के कर्मचारियों को सशक्त बनाना

कुआलालंपुर: ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को लगातार बदलते कार्यस्थल पर अपनी जगह बनाए रखने और प्रासंगिक बने रहने के लिए सशक्त बनाने के नये तरीके तलाशे जा रहे हैं। मलेशिया वर्ष 2022 में आधिकारिक रूप से उन देशों की सूची में शामिल हो गया, जिनकी आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है। इसके साथ ही.

कुआलालंपुर: ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को लगातार बदलते कार्यस्थल पर अपनी जगह बनाए रखने और प्रासंगिक बने रहने के लिए सशक्त बनाने के नये तरीके तलाशे जा रहे हैं। मलेशिया वर्ष 2022 में आधिकारिक रूप से उन देशों की सूची में शामिल हो गया, जिनकी आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है। इसके साथ ही देश में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु और लगातार बदलते आधुनिक कार्यस्थलों पर अनुभवी एवं परिपक्व पेशेवरों की भूमिका को लेकर बहस तेज हो गई।

हालांकि, असल बहस इस बात पर नहीं होनी चाहिए कि समाज के लिए कर्मचारियों का लंबे समय तक कार्यबल का हिस्सा बने रहना जरूरी है या नहीं, जिसके अपने फायदे भी हैं, बल्कि इस बात पर होनी चाहिए कि हम ज्यादा उम्र के कर्मचारियों में काम करते रहने के लिए आवश्यक कौशल कैसे विकसित कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र किसी देश को तेजी से बूढ़े होते देशों की फेहरिस्त में तब शामिल करता है, जब उसकी सात फीसदी आबादी 65 साल या उससे अधिक उम्र ही हो जाती है। 2022 में मलेशिया में ऐसे लोगों की संख्या बढक़र 7.3 प्रतिशत हो गई।

मलेशिया में सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष है। हालांकि, सरकार को इन दावों का खंडन करना पड़ा है कि सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 65 साल करने की योजना है।अटकलों के बावजूद, देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाना अंतिम समाधान नहीं है, खासकर काम के बदलते परिदृश्य में। ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को कार्यबल में बनाए रखने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किए जाने के उपायों पर विचार करने की जरूरत है। आनलाइन-शिक्षा इसका अहम हिस्सा हो सकती है।

कोविड-19 महामारी की शुरुआत के दौरान कंपनियों को अपने कर्मचारियों को आनलाइन प्रशिक्षण देने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। कंप्यूटर और इंटरनेट को व्यापक रूप से अपनाए जाने के पहले के दौर में पैदा हुए लोगों (डिजिटल इमिग्रेंट) का डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में उतना पारंगत न होना इसका मुख्य कारण था। कई ‘डिजिटल इमिग्रेंट’ उम्रदराज कर्मचारी हैं।

जैसे-जैसे जीवनयापन की लागत बढ़ती जाती है और सेवानिवृत्ति के बाद के लिए की गई बचत कम होती जाती है, वैसे-वैसे कार्यबल में फिर से शामिल होने की कोशिश करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में भी इजाफा देखने को मिलता है। कई वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह केवल वित्तीय आवश्यकता का मसला नहीं है; यह सेवानिवृत्ति की आयु के बाद भी उत्पादक और सक्रिय बने रहने के जुनून और प्रतिबद्धता को भी बयां करता है।

परिपक्व कर्मचारियों को कार्यबल में बनाए रखने से युवा पीढ़ी के लिए नौकरी के अवसरों पर कोई असर नहीं पड़ता है, खासतौर पर अल्पकालिक परियोजना में उनकी नियुक्ति और डिजिटल प्रौद्योगिकी में होने वाली प्रगति के हिसाब से ढलने की उनकी क्षमता को देखते हुए। इसके अलावा, यह फायदेमंद भी हो सकता है, क्योंकि परिपक्व कर्मचारी अपने साथ अनुभव और अद्वितीय कौशल का खजाना लेकर आ सकते हैं।

कंपनियों को कर्मचारियों को बनाए रखने में निवेश करने की जरूरत पड़ सकती है। उदाहरण के लिए,सिंगापुर ने छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए एक सरकारी प्रशिक्षण पहल शुरू की, जिसमें 90 प्रतिशत तक पाठ्यक्रम शुल्क निधि प्रदान की जाती है। कंपनियां नेशनल सिल्वर एकेडमी फंडिंग का लाभ उठा सकती हैं, जिसके तहत 50 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रशिक्षण शुल्क में 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा सकती है और उनमें सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा सकता है।

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