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महिलाओं के सशक्तिकरण से दुनिया को बनाया जा सकता है भूख मुक्त : FAO

रोमः संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य और कृषि क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं के लिए ज्ञान और संसाधनों तक पहुंच में सुधार वैश्विक विकास को बढ़ावा दे सकता है और लाखों लोगों को खिलाने में योगदान दे सकता है। एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार एग्रीफूड सिस्टम्स में महिलाओं की स्थिति शीर्षक से गुरुवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि लैंगिक असमानता व महिलाओं को कम वेतन और शिक्षा तक सीमित पहुंच से कृषि क्षेत्र में उनकी व पुरुषों की उत्पादकता में 24 प्रतिशत का अंतर है।

इस तथ्य को देखते हुए कि दुनिया की एक तिहाई से अधिक कामकाजी महिलाएं कृषि खाद्य प्रणालियों में कार्यरत हैं। इसमें खाद्य और गैर-खाद्य कृषि उत्पादों के उत्पादन के साथ-साथ खाद्य भंडारण, परिवहन और प्रसंस्करण से लेकर वितरण तक की संबंधित गतिविधियां शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं की उत्पादकता बढ़ाकर वैश्विक जीडीपी में लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर तक की वृद्धि हो सकती है और खाद्य-असुरक्षित लोगों की संख्या में 45 मिलियन की कमी आएगी।

रिपोर्ट से पता चलता है कि सुधार के बावजूद महिलाएं पुरुषों की तुलना में भूस्वामित्व से वंचित हैं। रिपोर्ट के लिए सर्वेक्षण किए गए 46 में से 40 देशों में महिलाओं के भूमि अधिकारों के लिए कमजोर सुरक्षा कानून है। एफएओ के महानिदेशक क्यू डोंग्यू ने एक बयान में कहा, अगर हम कृषि खाद्य प्रणालियों में लैंगिक असमानताओं से निपटते हैं और महिलाओं को सशक्त बनाते हैं, तो दुनिया गरीबी खत्म करने और भूख से मुक्त दुनिया बनाने के संगठन के लक्ष्यों को पूरा करने में आगे बढ़ेगी।

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