दुश्मनों को चुकानी होगी भारी कीमत : PM Benjamin Netanyahu

यरुशलमः इजराइली सेना ने शुक्रवार तड़के गाजा पट्टी में कई स्थानों को निशाना बनाया, जबकि फलस्तीनियों ने शुक्रवार तड़के दक्षिणी इजरायल में रॉकेट दागे। यरुशलम में यह हिंसा फलस्तीनियों के ‘ओल्ड सिटी’ के संवेदनशील परिसर स्थित अल-अक्सा मस्जिद में स्वयं को बंद करने और फिर इजराइली पुलिस द्वारा उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग करने.

यरुशलमः इजराइली सेना ने शुक्रवार तड़के गाजा पट्टी में कई स्थानों को निशाना बनाया, जबकि फलस्तीनियों ने शुक्रवार तड़के दक्षिणी इजरायल में रॉकेट दागे। यरुशलम में यह हिंसा फलस्तीनियों के ‘ओल्ड सिटी’ के संवेदनशील परिसर स्थित अल-अक्सा मस्जिद में स्वयं को बंद करने और फिर इजराइली पुलिस द्वारा उन्हें हटाने के लिए बल प्रयोग करने पर भड़क गई थी। इसके बाद बृहस्पतिवार को गाजा से रॉकेट दागे गए और एक अप्रत्याशित कदम में लेबनान से उत्तरी इज़राइल में करीब तीन दर्जन रॉकेट दागे गए।

गौरलतब है कि अल-अक्सा मस्जिद एक संवेदनशील पहाड़ी पर स्थित है जो यहूदियों और मुसलमानों दोनों के लिए पवित्र स्थान है। अल-अक्सा इस्लाम का तीसरा सबसे पवित्र स्थल है और रमजान के दौरान श्रद्धालुओं की यहां काफी भीड़ रहती है। हिंसा ऐसे नाजुक समय में हो रही है। जब यहूदी फसह की छुट्टी मना रहे हैं और मुसलमानों का रमजान का पाक महीना चल रहा है। इसी तरह 2021 में भी इज़राइल और हमास के बीच झड़पें हुई थीं और उसके बाद 11 दिन तक संघर्ष चला था।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बृहस्पतिवार देर रात अपने मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति की बैठक बुलायी और सेना ने गाजा में हमास से संबंधित चार स्थलों पर हमला किया। करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद नेतन्याहू के कार्यालय ने एक संक्षिप्त बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि कई फैसले किए गए हैं। नेतन्याहू ने बयान में कहा, कि ‘ आज रात और उसके बाद इजराइल की कार्रवाई के कारण हमारे दुश्मनों को भारी कीमत चुकानी होगी।’’

बयान में इस संबंध में विस्तृत रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई कि कार्रवाई क्या होगी। हालांकि इसके तुरंत बाद ही गाजा में फलस्तीनी आतंकवादियों ने दक्षिणी इजराइल में रॉकेट दागना शुरू कर दिया, जिससे पूरे क्षेत्र में हवाई हमले के ‘सायरन’ बजने लगे। इज़राइली हमलों से भी गाजा में जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी गई। लेबनान से उग्रवादियों द्वारा इज़राइल पर 34 रॉकेट दागे जाने के बाद हवाई हमले हुए। लेबनान से हुए हमले के बाद इजराइल की उत्तरी सीमा पर लोगों को बमबारी से बचने के लिए बनाए गए आश्रयों में पनाह लेनी पड़ी। इन हमलों में कम से कम दो लोग घायल हो गए थे।

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