Finland लगातार सातवीं बार बना दुनिया का सबसे खुशहाल देश

रैकिंग एक सरल प्रश्न पर आधारित है, सीढ़ी रूपक का उपयोग करते हुए यह सवाल दुनिया के लगभग हर देश में लोगों से पूछा जाता है।

स्वीडनः फिनलैंड लगातार दुनिया के सबसे खुशहाल देश के रूप में कायम है। मार्च 2024 में देश को लगातार सातवें साल खुशहाली चैंपियन का दर्जा दिया गया। रैकिंग एक सरल प्रश्न पर आधारित है, सीढ़ी रूपक का उपयोग करते हुए यह सवाल दुनिया के लगभग हर देश में लोगों से पूछा जाता है। लेकिन मेरी टीम के नए प्रायोगिक अध्ययन से पता चलता है कि सीढ़ी का रूपक लोगों को शक्ति और धन के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। 2005 से गैलप एनालिटिक्स संगठन पूरे ग्रह पर खुशी को मापने के लिए काम कर रहा है। यह मिशन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक से अधिक सरकारें कहती हैं कि वे अपने लोगों की भलाई को प्राथमिकता दे रही हैं।

उदाहरण के लिए, अब यूके सहित सभी ओईसीडी देश अपने लोगों की खुशी मापते हैं। एक दशक से भी अधिक समय पहले, भूटान ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य ‘‘सकल राष्ट्रीय खुशी’’ है, न कि सकल घरेलू उत्पाद। विश्व रैकिंग एक सरल लेकिन शक्तिशाली प्रश्न पर आधारित है, जिसे कैंट्रिल लैडर कहा जाता है: नाम के अनुरूप कृपया एक सीढ़ी की कल्पना करें जिसमें नीचे शून्य से लेकर शीर्ष पर दस तक सीढिय़ाँ अंकित हों। सीढ़ी का शीर्ष आपके लिए सवरेत्तम संभव जीवन का प्रतिनिधित्व करता है और सीढ़ी का निचला भाग आपके लिए सबसे खराब संभव जीवन का प्रतिनिधित्व करता है।

सीढ़ी के किस पायदान पर खड़े होकर आप कहेंगे कि आप व्यक्तिगत रूप से महसूस करते हैं कि आप इस समय यहां खड़े हैं? जैसे ही आप प्रश्न पढ़ते हैं, सीढ़ी के शीर्ष का रूपक आपको क्या सोचने पर मजबूर करता है और यह किस चीज का प्रतिनिधित्व करता है? क्या यह प्यार है, पैसा है, आपका परिवार है – या कुछ और? मैंने हाल ही में स्वीडन, अमेरिका और यूके के शोधकर्ताओं के एक समूह का नेतृत्व किया। हमने यूके के 1,600 वयस्कों पर एक अध्ययन में इन सवालों की जांच की, और नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में अपने परिणाम प्रकाशित किए। हमने पाँच स्वतंत्र समूहों के साथ एक प्रयोग किया।

एक समूह से पूछा गया कि सीढ़ी का शीर्ष उनके लिए क्या दर्शाता है। एक अन्य समूह से बिल्कुल यही प्रश्न पूछा गया था, लेकिन इस बार सीढ़ी के चित्र सहित सीढ़ी रूपक को हटा दिया गया और ‘‘सीढ़ी’’ शब्द को ‘‘स्केल’’ से बदल दिया गया। हमारे अध्ययन में पाया गया कि सीढ़ी के रूपक ने लोगों को शक्ति और धन के बारे में अधिक और परिवार, दोस्तों और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में कम सोचने पर मजबूर कर दिया। जब सीढ़ी रूपक को हटा दिया गया, तब भी लोग पैसे के बारे में सोचते थे, लेकिन ‘‘धन’’, ‘‘अमीर’’ या ‘‘उच्च वर्ग’’ जैसे शब्दों के बजाय ‘‘वित्तीय सुरक्षा’’ के संदर्भ में।

तीसरे समूह में लोगों ने एक प्रश्न की व्याख्या की जहां सीढ़ी के रूपक के साथ-साथ प्रश्न में शीर्ष बनाम नीचे के विवरण को हटा दिया गया था। चौथे और पांचवें स्वतंत्र समूह में, उपरोक्त परिवर्तनों के अलावा, वाक्यांश ‘‘सवरेत्तम संभव जीवन’’ को क्रमश? ‘‘सबसे खुशहाल संभव जीवन’’ और ‘‘सबसे सामंजस्यपूर्ण जीवन’’ से प्रतिस्थापित किया गया था। खुशी और सद्भाव समूहों के लोग अन्य समूहों की तुलना में शक्ति और धन के बारे में कम और रिश्तों, कार्य-जीवन संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य जैसे व्यापक रूपों के बारे में अधिक सोचते थे।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के हालिया शोध से पता चलता है कि खुशी वास्तव में लोगों को अधिक उत्पादक बनाती है और काम पर खुशी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक अपनापन है। दूसरी ओर, वेतन को काम पर खुशी के लिए सबसे महत्वपूर्ण चालक माना जाता है, लेकिन यह काम पर खुशी के लिए अपनेपन की तुलना में बहुत कमजोर चालक साबित होता है। यह खुशी विज्ञान के सामान्य संदेश के अनुरूप है कि रिश्ते खुशी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं।

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